कोविड-19 संक्रमण जानवरों से इंसान में आया या नहीं, इसको लेकर अभी भी पक्का दावा नहीं किया जा सकता है। हालांकि, कुत्तों में कोरोना वायरस जरूर पाया जाता है और हाल के ही एक शोध में पता लगा है कि यह कोरोना वायरस निमोनिया के कुछ मरीजों में भी मिला है। स्टडी के मुताबिक, अगर इसकी पुष्टि हो जाती है तो यह आठवां कोरोना वायरस होगा, जो जानवरों से इंसानों तक पहुंचा है। अभी तक सात कोरोना वायरस हैं, जिनसे इंसानों में बीमारी फैली हो। इनमें से चार की वजह से साधारण सर्दी और तीन की वजह से SARS, MERS और COVID-19 जैसी बीमारियां इंसानों को हुई हैं।
'क्लिनिकल इन्फेक्शियस डिजीज' नाम के जर्नल में गुरुवार को छपे इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि मलेशिया के एक राज्य में भर्ती 301 निमोनिया के मरीजों के नेजल स्वैब (नाक से लिए गए स्वैब) की जांच के बाद यह पता लगा है। इनमें से आठ सैंपल कैनाइन कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव मिले थे। कैनाइन कोरोना वायरस कुत्तों में पाया जाता है। जो सैंपल पॉजिटिव पाए गए उनमें से अधिकतर पांच साल से कम उम्र के बच्चों के थे।
इन नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग से CCoV-HuPn-2018 नाम के नए स्ट्रेन का पता लगा। हालांकि, यह स्ट्रेन काफी हद तक उन कोरोना वायरसों से मेल खाता है जिससे बिल्लियां और सुअर संक्रमित होते हैं, लेकिन यह सबसे ज्यादा कैनाइन कोरोना वायरस से मिलता-जुलता है, जिससे कुत्ते संक्रमित होते हैं। हैरानी की बात यह भी है कि इस स्ट्रेन में कुछ ऐसे म्यूटेशन भी दिखे तो किसी कैनाइन कोरोना वायरस में हीं बल्कि इंसानों में फैल रहे स्ट्रेन में भी पाए जाते हैं, जैसे SARS-COV और SARS-COV-2 में। ये वायरस ही कोविड-19 महामारी की वजह हैं।
हालांकि, शोध में यह भी कहा गया कि अभी तक स्पष्ट नहीं कहा जा सकता कि यह वायरस इंसानों को बीमार कर सकता है या नहीं।