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पति से दूरी, संबंध बनाने में असमर्थ थी महिला, तलाक मंजूर

Nilmani Pal
15 Feb 2024 7:59 AM GMT
पति से दूरी, संबंध बनाने में असमर्थ थी महिला, तलाक मंजूर
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हाईकोर्ट में चला मामला

दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को उसकी पत्नी द्वारा क्रूरता, अपने माता-पिता से प्रभावित होने और उसके साथ संबंध स्थापित करने में असमर्थ होने के आधार पर तलाक की मंजूरी दे दी है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। मामले में वैवाहिक जीवन में पत्नी के माता-पिता और परिवार के सदस्यों के अनुचित हस्तक्षेप के चलते पति को काफी उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।

अदालत ने पाया कि दोनों पक्ष लगभग 13 सालों से अलग-अलग रह रहे थे, इस दौरान पति वैवाहिक संबंधों से वंचित था और उसे विभिन्न एजेंसियों के समक्ष कई शिकायतों का सामना करना पड़ा। पत्नी अपने माता-पिता के हस्तक्षेप के चलते पति से दूर थी और संबंध बनाने में असमर्थ थी, जो विवाह और उसके दायित्वों की अस्वीकृति का संकेत है। अदालत ने कहा कि "मृत रिश्ते" को जारी रखना दोनों पक्षों पर और क्रूरता को बढ़ावा देगा।

इसमें कहा गया कि पति और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज करना मानसिक क्रूरता है, जो वैवाहिक रिश्तों की नींव को कमजोर करता है। अदालत ने कहा कि सुलह के प्रयासों के बिना लंबे समय तक अलग रहना क्रूरता है। इस मामले में, साक्ष्य ने सुलह की कोई संभावना नहीं होने का संकेत दिया, लंबे समय तक अलगाव के साथ झूठे आरोप, पुलिस रिपोर्ट और आपराधिक मुकदमे, मानसिक क्रूरता का कारण बनते हैं।

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