सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की आरोपमुक्त वाली याचिका खारिज
गुजरात। अहमदाबाद सेशन कोर्ट ने राज्य में 2002 में हुए दंगों के संबंध में कथित रूप से सबूत गढ़ने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की आरोपमुक्त करने का आग्रह करने वाली याचिका को खारिज कर दिया. गुजरात सरकार ने तीस्ता की याचिका का विरोध किया था और कहा था कि उन्होंने दंगा पीड़ितों का विश्वास तोड़ा और निर्दोष लोगों को फंसाने का काम किया. जिसके बाद कोर्ट की तरफ से तीस्ता की तरफ से दायर आरोपमुक्त करने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एआर पटेल ने सीतलवाड़ की याचिका खारिज कर दी. गुजरात हाईकोर्ट की तरफ से राहत देने से इनकार किए जाने के बाद बुधवार 19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में सीतलवाड़ को जमानत दे दी थी. जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की तीन जजों की बेंच ने उन्हें जमानत देने का फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कहा कि सीतलवाड़ के खिलाफ मामले में चार्जशीट दायर कर दी गई है और उनसे हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है. बेंच ने कहा, ‘‘अपीलकर्ता का पासपोर्ट पहले ही जमा किया जा चुका है, जो सत्र अदालत के पास रहेगा. अपीलकर्ता गवाहों को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं करेंगी और उनसे दूर रहेंगी.’’