
अधिवक्ता विष्णु जैन ने आगे कहा कि, इस कानून के कारण गुजरात स्थित हिन्दुओं का द्वारका द्वीप, सूरत महानगरपालिका, प्रयागराज स्थित चंद्रशेखर आजाद पार्क, ज्ञानवापी, मथुरा आदि अनेक स्थानों को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित करने का कार्य तीव्र गति से प्रारंभ किया गया है ।
इस समय 'भारत वॉईस' की संस्थापिका गायत्री एन. ने कहा कि, तमिलनाडु के तिरुचेथुरई गांव में स्थित 2000 वर्ष प्राचीन हिन्दुओं का श्री चंद्रशेखर स्वामी का मंदिर वक्फ बोर्ड की संपत्ति कैसे हो सकती है ? संसद द्वारा लैंड जिहाद के लिए बनाए गए कानून के कारण हिन्दुओं के घर, दुकान, खेती, भूमि और मंदिर भी सुरक्षित नहीं हैं । हिन्दुओं को किसी प्रकार के अधिकार नहीं हैं । हिन्दुओं की स्थिति विकट बना दी गई है । 'विवेकानंद कार्य समिति' के अध्यक्ष श्री. नीरज अत्री ने कहा कि, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि भारत की साधन-संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है । उसी का कार्यान्वयन इस कानून द्वारा किया जा रहा है । हिन्दू दिन-प्रतिदिन इस कानून के जाल में गहन फंसता जा रहा है । यदि हिन्दू अभी संगठित नहीं हुए, तो औरंगजेब के समय हिन्दुओं की जो स्थिति थी, वैसी ही पुनः हो जाएगी ।
इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के दिल्ली प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे ने कहा कि, हिन्दुओं के बडे मंदिर और संपत्ति सरकार ने अधिग्रहित कर ली है तथा दूसरी ओर मुसलमानों के धार्मिक स्थल अथवा संपत्ति को हाथ लगाने के स्थान पर उन्हें सुरक्षित करने का यह कानून बनाया गया है । यह हिन्दुओं के साथ किया गया छल कपट है । लैंड जिहाद के लिए अर्थात भूमि हडपने के लिए कानून द्वारा एक समानांतर व्यवस्था निर्माण की गई है । यह मुसलमानों को दिया गया हथियार ही है । लैंड जिहाद को प्रोत्साहित करनेवाला यह कानून निरस्त करने के लिए हिन्दुओं को संघर्ष करना चाहिए ।
