अनुशासन सबके लिए है, कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खोला मोर्चा
सोर्स न्यूज़ - आज तक
जयपुर। राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री से पहले ही सियासी घमासान मचा हुआ है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. हाल ही में अशोक गहलोत ने पायलट को गद्दार कहा था. इसके बाद गहलोत खेमे के विधायक और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
हरीश चौधरी ने कहा कि लोग सत्ता पर बने रहना चाहते हैं और नए लोगों को मौक़ा नहीं देना चाहते हैं. हरीश चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, वो शोभा नहीं देता है.
हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्थान की यह परंपरा नहीं रही है कि हम खराब भाषा का इस्तेमाल करें. उन्होंने कहा कि जब यह तय हो गया है कि कोई भी बयानबाज़ी नहीं करेगा, तो फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नहीं बोलना चाहिए. अनुशासन सबके लिए है. गहलोत खुद को अभिभावक कहते हैं तो अभिभावक की ज़िम्मेदारी भी होती है. हरीश चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के लोग जाति के आधार पर लोगों को लड़ाने का काम कर रहे हैं. वहीं, पायलट गुट के वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि पायलट ने राजस्थान में कांग्रेस को खड़ा करने के लिए बहुत मेहनत की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस ने 2 बार मुख्यमंत्री बनाया, मगर पार्टी बुरी तरह से हारी. फिर पायलट ने पार्टी को खड़ा किया. इस बीच गहलोत के ख़ास कहे जाने वाले मंत्रियों और विधायकों ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया है.
सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार कहा और बोले कि वो (पायलट) कभी राज्य के सीएम नहीं बन सकते. गहलोत ने कहा था कि विधायक किसी ऐसे को कैसे स्वीकार कर सकते हैं जिसने विद्रोह किया हो, जिसे गद्दार करार दिया गया हो. वह सीएम कैसे बन सकता है? विधायक ऐसे शख्स को सीएम के रूप में कैसे स्वीकार कर सकते हैं. मुझपर सबूत हैं कि विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये बांटे गए थे, ताकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को गिराया जा सके.'