रेहड़ी चला दिव्यांग बेटे का मेडिकल बनवाने पहुंचा अपाहिज पिता
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पानीपत। वो कहते है ना पिता हमेशा नीम के पेड़ जैसा होता है जिसके पत्ते भले ही कड़वे हो पर वह छाया हमेशा ठंडी देता है। जहां पानीपत जिले में लाचार अपाहिज पिता अपने दिव्यांग बेटे का मेडिकल बनवाने के लिए धक्का खा रहा है। वह बुधवार को भी अस्पताल में बेटे की जांच कराने …
पानीपत। वो कहते है ना पिता हमेशा नीम के पेड़ जैसा होता है जिसके पत्ते भले ही कड़वे हो पर वह छाया हमेशा ठंडी देता है। जहां पानीपत जिले में लाचार अपाहिज पिता अपने दिव्यांग बेटे का मेडिकल बनवाने के लिए धक्का खा रहा है। वह बुधवार को भी अस्पताल में बेटे की जांच कराने के लिए डॉक्टरों ने बुलाया था, लेकिन जब वह 200 रुपए की रेहड़ी कर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर कोर्ट में गए थे।अब उन्हें शुक्रवार को बुलाया गया है।
वहीं जिले के हरी नगर कॉलोनी में रहने वाले रामकुमार ने बताया कि उसके बेटे के जन्म से दोनों पैर नहीं थे। अब वह 34 साल का हो गया है। अभी तक मेडिकल नहीं बना है, न ही सरकार से कोई सहायता मिली है। जब भी डॉक्टरों के पास मेडिकल के लिए आते है तो कभी पीजीआई भेज देते है, तो कभी रोहतक भी डॉक्टर नहीं मिलते। ऐसे में रोजाना 150 से 200 रुपए कमाने वाला व्यक्ति कैसे बार-बार अस्पताल के चक्कर काटे।
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