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CM येदियुरप्पा की ओर से दिए जाने वाला BJP विधायकों की रात्रिभोज हुआ स्थगित
Deepa Sahu
21 July 2021 3:00 PM GMT
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मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा
नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा द्वारा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायकों को दिए जाने वाले रात्रिभोज को स्थगित कर दिया गया है.
नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा द्वारा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायकों को दिए जाने वाले रात्रिभोज को स्थगित कर दिया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. येदियुरप्पा उनकी सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर 25 जुलाई को विधायकों को रात्रिभोज देने वाले थे.
आधिकारिक सूत्रों ने इस कार्यक्रम के स्थगन के कारणों का खुलासा किए बिना कहा, ''रात्रिभोज की निर्धारित बैठक स्थगित कर दी गई है और नई तारीख अभी तय नहीं की गई है.'' रात्रिभोज रविवार शाम करीब सात बजे शहर के एक होटल में होना था. पहले ऐसी खबरें थीं कि बीजेपी विधायक दल की बैठक 26 जुलाई को दो साल पूरे होने के अवसर पर बुलाई जाएगी, इस दौरान नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर कुछ स्पष्टता की उम्मीद थी. हालांकि अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि विधायक दल की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है.
आगामी 26 जुलाई को सरकार में अपने दो साल पूरे कर रहे येदियुरप्पा ने पिछले हफ्ते दिल्ली का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. यात्रा से कुछ वर्गों में सवाल उठाया गया कि क्या पार्टी अब नेतृत्व परिवर्तन की योजना पर काम कर रही है. राष्ट्रीय राजधानी से लौटने पर, येदियुरप्पा ने हालांकि इन खबरों को खारिज कर दिया था और कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें पद पर बने रहने के लिए कहा है.
बीएस येदियुरप्पा के संभावित उत्तराधिकारी कौन?
बीजेपी के भीतर जहां इस बात की चर्चाएं हो रही हैं कि क्या कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की विदाई हो सकती है वहीं पार्टी के भीतर इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका संभावित उत्तराधिकारी कौन हो सकता है. लिंगायत समुदाय के ताकतवर नेता 78 वर्षीय येदियुरप्पा के संभावित उत्तराधिकारी को लेकर कई नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं. बीजेपी के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस पद की आकांक्षा रखने वाले लोगों की लंबी फेहरिस्त है लेकिन बीजेपी के सामने चुनौती येदियुरप्पा के स्थान पर ऐसे व्यक्ति को लाने की है जो उनके 'विशाल कद' के अनुरूप हो.
कर्नाटक में वीरशैवा-लिंगायत समुदाय की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत
ऐसा कहा जा रहा है कि बीजेपी पार्टी नेतृत्व में पीढ़ीगत बदलाव और सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण चाहती है किंतु बदलाव के रूप में राज्य में ऐसा नेता तलाशना कभी आसान काम नहीं रहा है जो ''निर्विवाद जन नेता'' हो. बीजेपी को नेतृत्व परिवर्तन के साथ संतुलन भी बनाना होगा क्योंकि यह कदम उठाते समय उसे इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा कि इस कदम से उसका मूल मतदाता आधार विशेषकर वीरशैव-लिंगायत समुदाय अप्रसन्न ना हो जाए जिन पर येदियुरप्पा का खासा प्रभाव है. एक अनुमान के मुताबिक, राज्य की आबादी में वीरशैवा-लिंगायत समुदाय की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत है और माना जाता है कि यह समुदाय राज्य में बीजेपी का मूल मतदाता आधार है. इस समुदाय का एक बड़ा वर्ग येदियुरप्पा को बदलने के पक्ष में नहीं है.
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