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डिजिटल अरेस्ट: एक करोड़ 30 लाख की ठगी, 73 साल की बुजुर्ग महिला को बनाया निशाना

jantaserishta.com
22 Jun 2024 3:32 AM GMT
डिजिटल अरेस्ट: एक करोड़ 30 लाख की ठगी, 73 साल की बुजुर्ग महिला को बनाया निशाना
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सांकेतिक तस्वीर

केस दर्ज कर जांच कर रही है।
नोएडा: एक पार्सल में ड्रग्स समेत अन्य गैरकानूनी सामान होने का डर दिखाकर साइबर ठगों ने नोएडा की एक 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला से एक करोड़ 30 लाख रुपये ठग लिए। इस दौरान ठगों ने महिला को स्काइप कॉल पर वीडियो कॉल कर 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और दस अलग-अलग बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करा ली। अब पीड़ित महिला की शिकायत पर नोएडा पुलिस अज्ञात ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धारा में केस दर्ज कर जांच कर
रही है।
सेक्टर-49 निवासी रिटायर्ड अधिकारी की पत्नी शुचि अग्रवाल ने दर्ज कराई एफआईआर में बताया कि 13 जून को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने बताया कि वह फेडिक्स कंपनी की अंधेरी शाखा से बात कर रही है। उसने कहा कि उनके नाम से भेजा जा रहा पार्सल पकड़ा गया है, जिसमें एलसीडी, एक्सपायर्ड पासपोर्ट और अन्य सामान हैं। पूछताछ के लिए या तो उन्हें मुंबई आना पड़ेगा या फिर ऑनलाइन ही मुंबई पुलिस के नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों से जुड़ना होगा। इसके बाद महिला को स्काइप कॉल पर जोड़ा गया। 10 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करने के बाद जालसाजों ने महिला से कहा कि बुजुर्ग होने के चलते उन्हें सोने के समय ही स्काइप कॉल से दूर रहने की अनुमति दी जाएगी। इस दौरान भी उन पर स्काइप से नजर रखी जाएगी। 5 दिन तक ठगों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट रखा।
शुचि अग्रवाल ने बताया कि 13 जून को जिस नंबर से कॉल आई थी, उस नंबर की वॉट्सऐप डीपी में मुंबई पुलिस का लोगो था। जब महिला को स्काइप कॉल पर जोड़ा गया तो उसमें सामने वीडियो में जितने लोग दिख रहे थे, सभी ने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी और उनके पीछे दीवार पर मुंबई नारकोटिक्स विभाग का लोगो बना हुआ था। वीडियो में दिख रहे ठगों ने अपना पुलिस का फर्जी आईकार्ड भी महिला को दिखाया ताकि उसे विश्वास में लिया जा सके। इसके बाद आरोपियों ने महिला को डर-धमकाकर रुपये हड़प लिए।
इसी दौरान स्काइप कॉल से जुड़े कथित नारकोटिक्स अधिकारियों ने महिला से कहा कि उनके आधार कार्ड पर कुल छह अकाउंट चल रहे हैं। सभी खातों में मनी लॉन्ड्रिंग का काम हो रहा है। डरी-सहमी महिला को जालसाजों ने पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट देने के नाम पर रुपये ट्रांसफर करने को कहा। जेल जाने के डर से महिला ने जालसाजों द्वारा बताए गए 10 बैंक खाते में रकम ट्रांसफर कर दी। ठग तब तक महिला से रकम ट्रांसफर कराते रहे जब तक उनका खाता खाली नहीं हो गया। जब महिला पर लोन लेकर और रकम भेजने का दबाव बनाया गया तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने इस बारे में अपने परिजनों को बताया।
डिजिटली अरेस्ट कहकर ठग द्वारा पीड़ित को फोन कर बताया जाता है कि उनका किसी नाम ड्रग तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग के केस में आया है और उन्हें घर से बाहर निकलने की अब अनुमति नहीं है। पीड़ित से कहा जाता है कि वह डिजिटली तौर पर लगातार उनसे जुड़े रहेंगे और किसी को इसकी जानकारी नहीं देंगे। पीड़ित डर की वजह से साइबर अपराधियों के झांसे में आकर उन्हें पास रुपये भेज देता है।
महिला ने बताया कि ठगी की जो रकम गई है, वह उनकी जिंदगीभर की कमाई थी। उन पांच दिनों को यादकर मन सिहर उठता है। आगे क्या होगा, इस बारे में चिंता सता रही है। वहीं, मामले की जांच कर रही पुलिस का दावा है कि जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है, उनके बारे में कई अहम जानकारी मिली है। जल्द ही जालसाजों को दबोचा जाएगा।
साइबर ठगों ने वीडियो कॉल पर महिला को मुंबई पुलिस की वर्दी पहनकर डिजिटल अरेस्ट के दौरान खूब धमकाया। जालसाजों ने इस दौरान कई नेताओं और माफिया के बारे में भी महिला को बताया, जो मनी लॉड्रिंग के मामले में जेल जा चुके हैं।

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