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डिजिटल अरेस्ट: बुजुर्ग दंपति को लगाया 46 लाख का चूना, जानें ठगों का नया फॉर्मूला

19 Jan 2024 10:05 PM GMT
डिजिटल अरेस्ट: बुजुर्ग दंपति को लगाया 46 लाख का चूना, जानें ठगों का नया फॉर्मूला
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फरीदाबाद: फरीदाबाद सेक्टर-15ए निवासी एक बुजुर्ग दंपति को घर में तीन दिन तक डिजिटली अरेस्ट कर साइबर ठगों ने करीब 46 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोपियों ने पीड़ित को अमेरिका (यूएसए) में पुलिस द्वारा रेप के मामले में उनके बेटे को गिरफ्तार करने का झांसा दिया था। साथ ही किसी से बात करने पर गंभीर …

फरीदाबाद: फरीदाबाद सेक्टर-15ए निवासी एक बुजुर्ग दंपति को घर में तीन दिन तक डिजिटली अरेस्ट कर साइबर ठगों ने करीब 46 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोपियों ने पीड़ित को अमेरिका (यूएसए) में पुलिस द्वारा रेप के मामले में उनके बेटे को गिरफ्तार करने का झांसा दिया था। साथ ही किसी से बात करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। पीड़ित तीन दिनों में आरोपियों के बैंक खाते में पैसे जमा कराए। इसके बाद आरोपियों ने उनका पीछा छोड़ा।

पुलिस के अनुसार करीब 75 वर्षीय पीड़ित एक बैंक से प्रबंधक के पद से रिटायर्ड हैं। वह अपनी पत्नी के साथ सेक्टर-15ए में रहते हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया है कि 12 दिसंबर-2023 को उनके मोबाइल फोन पर अंजान नंबर से एक व्हाट्सऐप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को यूएसए पुलिस का अधिकरी बताया। कॉल करने वाला व्यक्ति अंग्रेजी और टूटी-फूटी हिंदी में बात कर रहा था। कॉल करने वाले व्यक्ति ने बताया कि आपका बेटा यूएसए में रहता है। आईटी प्रोफेशनल आपके बेटे को यूएसए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसके पासपोर्ट, कार और मोबाइल फोन आदि जब्त कर लिए हैं। ऐसे में उससे बात नहीं हो सकती। पीड़ित के अनुसार आरोपियों ने धमकी देकर किसी को बताने से मना किया। आरोपियों ने पीड़ित को बेटा बताकर एक व्यक्ति से बात भी कराई। बात करने वाला व्यक्ति रो कर बचाने के साथ पैसा दे देने की बात कह रहा था। पीड़ित ने बताया कि इससे वे काफी डर गए। 12 दिसंबर से 14 दिसंबर तक आरोपी पीड़ित को घर में डिजिटली अरेस्ट कर कई बार में करीब 46 लाख रुपये ऐंठ लिए। पैसा मिलने के बाद उन्हें छोड़ा।

जानकारी के अनुसार पीड़ित ने पुलिस को बताया कि वह आरोपियों के फोन काटने के बाद अपने बेटे से लगातार संपर्क करने की कोशिश की।, लेकिन उसने कॉल रीसिव नहीं किया। इससे डर के साथ उसकी गिरफ्तारी की आशंका और बढ़ गई और वह आरोपियों के झांसे में आ गए।

जानकारी के अनुसार आरोपियों ने पीड़ित को किसी को बताने के साथ घर से बाहर निकलने से भी मना किया था। ऐसा करने पर बेटे के साथ गंभीर परिणाम होने की धमकी दी गई थी। ऐसे में पीड़ित न तो कहीं गए और डर के चलते न ही पुलिस व रिश्तेदार-जानकारों को कुछ बता पाए।

साइबर थाना सेंट्रल के प्रभारी इंस्पेक्टर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि पीड़ित ने जब शिकायत दी थी, उस समय उन्होंने पैसे भेजने वाले खातों का विवरण नहीं दिया था। वह साइबर ठगों के बैंक खातों को भूल गए थे। उन्होंने गुरुवार को खातों का विवरण दिया। इसके बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। जल्द सभी आरोपी पकड़े जाएंगे।

पुलिस के अनुसार पीड़ित ने 16 दिसंबर को एक बार फिर अपने बेटे के मोबाइल फोन पर कॉल किया। इस बार उनके बेटे ने कॉल उठा लिया। कॉल उठाने के बाद पीड़ित ने बेटे से पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने की बात पूछी। इसपर बेटे ने किसी प्रकार की गिरफ्तारी से इनकार किया और कहा कि उसे यूएसए पुलिस ने कभी गिरफ्तार नहीं किया है। वह किसी मामले में आरोपी नहीं है। इसके बाद पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस को दी। पीड़ित दंपति का बेटा दो साल से अधिक समय से अमेरिका में रह रहा है।

साइबर एक्सपर्ट की मानें तो डिजिटली अरेस्ट में किसी व्यक्ति को उनके मोबाइल फोन पर डाउनलोड ऐप से लगातार जुड़े रहने को मजबूर किया जाता है। ऐप पर लगातार चैटिंग, ऑडियो-विडियो कॉल कर उसे ऐप से लॉग आउट नहीं होने दिया जाता है।

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