धर्मशाला। जंगली जानवरों व बेसहारा पशुओं के आतंक के चलते किसान दिन-प्रतिदिन खेती करना छोड़ रहे हैं। जब भी किसान अच्छी फसल उगाने की सोचते हैं तो उन्हें जंगली जानवरों व बेसहारा पशुओं द्वारा फसलों को बर्बाद करने की चिंता सताने लगती है, ऐसे में किसान न तो अच्छी फसल तैयार कर पाते हैं और न ही आमदनी कर पा रहे हैं। अगर हम बात करें धर्मशाला के रहने वाले बलवीर सैनी की तो उन्होंने बेसहारा पशुओं व जंगली जानवरों से अपनी खेती को बचाने व आमदनी के लिए एक अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है। इस तरीके से आमदन भी होगी और खेती को बेसहारा पशुओं व जंगली जानवरों से होने वाले नुक्सान से भी बचाया जा सकेगा। किसान बलवीर सैनी ने अपनी जमीन पर गेंदे के फूलों की खेती करना शुरू की है। दिवाली व अन्य त्यौहारों में इस्तेमाल होने वाले गेंदे के फूलों की जैसे-जैसे डिमांड बढ़ेगी।
वैसे-वैसे बलवीर सैनी की आमदनी भी बढ़ेगी। आपको बता दें कि घरों में पूजा-पाठ के दौरान गेंदे के फूलों का इस्तेमाल किया जाता है, ऐसे में अब जिले के लोगों को एक जगह पर ही रंग-बिरंगे गेंदे के फूल मिल सकेंगे। बलबीर सैनी ने बताया कि उन्होंने बेसहारा पशुओं व जंगली जानवरों से निजात पाने के लिए गेंदे के फूलों की खेती शुरू की है। उनका मानना है कि गेंदे के फूल की खुशबू से जानवर खेतों की और रुख नहीं करते हैं। इससे जहां खेती भी बची रहेगी और आमदन भी होगी। बलबीर सैनी ने बताया कि दिवाली का त्यौहार आ रहा है, ऐसे में गेंदे के फूलों की डिमांड ज्यादा रहती है और उन्हें दिल्ली व पंजाब से डिमांड आनी शुरू भी हो गई है। उन्होंने कहा कि त्यौहारी सीजन व धार्मिक कार्यक्रमों में इस्तेमाल होने वाले गेंदे के फूल बाजार में 300 से 400 रुपए किलोग्राम मिलते हैं लेकिन वह इन्हें 150 रुपए किलोग्राम के हिसाब से बेचेंगे।