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धनबाद जज मौत मामला: हाई कोर्ट ने सीबीआई को लगाई फटकार, कहा 'नोवेल जैसा है चार्जशीट'

Rani Sahu
31 Oct 2021 3:32 PM GMT
धनबाद जज मौत मामला: हाई कोर्ट ने सीबीआई को लगाई फटकार, कहा नोवेल जैसा है चार्जशीट
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धनबाद जज उत्तम आनंद मौत मामले में सीबीआई लगातार जांच कर रही है

धनबाद जज उत्तम आनंद मौत मामले में सीबीआई लगातार जांच कर रही है और जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंप रही है. पर झारखंड हाईकोर्ट सीबीआई की जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है, जांच रिपोर्ट को लेकर कोर्ट की तरफ से सीबीआई को फटकार मिली है. उत्तम आंनद मौत मामले में हाईकोर्ट में जमा किये गये ताजा चार्जशीट को लेकर भी कोर्ट ने सीबीआई और कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा जमा किया गया आरोप पत्र किसी नोवेल की तरह है.

सीबीआई जांच निर्णायक नहीं : उच्च न्यायालय
मामले में सीबीआई की जांच पर निराशा व्यक्त करते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा कि एजेंसी आरोपियों के खिलाफ हत्या के आरोप को साबित करने में विफल रही है और जांच के दौरान कोई नया तथ्य सामने नहीं आया. उच्च न्यायालय ने कहा कि जांच निर्णायक नहीं है. दो सप्ताह में यह दूसरी बार था जब उच्च न्यायालय ने मामले के सिलसिले में सीबीआई को फटकार लगाई. इससे पहले 22 अक्टूबर को, अदालत ने यह कहते हुए एजेंसी की खिंचाई की थी कि ऐसा लगता है कि उसने मामले की जांच करते हुए और "स्टीरियोटाइप" चार्जशीट दाखिल करते समय "बाबू" की तरह काम किया है.
एडीजे उत्तम आनंद का निधन
एडीजे उत्तम आनंद की 28 जुलाई की सुबह धनबाद में मजिस्ट्रेट कॉलोनी के पास रणधीर वर्मा चौक पर एक ऑटोरिक्शा की चपेट में आने से मौत हो गई थी. घटना, शुरू में एक दुर्घटना प्रतीत होती थी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में गड़बड़ी की ओर इशारा किया गया, जिससे हत्या की जांच शुरू हो गई. सीसीटीवी फुटेज में पाया गया था है कि वाहन जज की ओर जाता है और उन्हें धक्का मारकर भाग जाता है. इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट और झारखंड उच्च न्यायालय ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था.
दो गिरफ्तार आरोपियों से हो रही पूछताछ
इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी की गठन किया और मामले की जांच आगे बढ़ाते हुए घटना के वक्त ऑटो चला रहे ऑटोरिक्शा चालक लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को जिला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों पर भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या का आरोप लगाया गया था. इसके बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया. सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में लेने के बाद जांच करने के लिए 20 सदस्यों वाली एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. इसके बाद सीबीआई की एसआईटी ने दोनों गिरफ्तारियों को रिमांड पर लिया था और उसके बाद आगे की जांच कर रही है पर अभी तक किसी भी ठोस परिणाम तक नहीं पहुंच पायी है.
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