झारखण्ड : डीएपी जिला परिषद की आय बढ़ाने की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। आय बढ़ाने के लिए होर्डिंग टैक्स वसूली, सैरात की यात्रा और हाट-बाजारों से भी शुल्क वसूलना बाकी है। उत्तराखंड जिला परिषद बोर्ड की बैठक में भी प्रस्ताव पारित किया गया।
बोर्ड ने पिछले साल ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। जरूरत के मुताबिक नहीं हो रही जिला परिषद की आय जिला परिषद के पास करोड़ों की अचल संपत्ति है। जमीन और दुकान के साथ-साथ कई भवन भी हैं। जिला परिषद की आय की प्रमुख साधन दुकान और एसोसिएशन का व्यापारी है। जिला परिषद बोर्ड ने आय वृद्धि के उपाय पर जोर दिया। इसके लिए काउंसिल ऑफ डिस्ट्रिक्ट (ग्रामीण क्षेत्र) में होर्डिंग्स से टैक्स की दुकानें और होर्डिंग्स के लिए नए स्थानों की तलाश की जानी थी। जिला परिषद के क्षेत्र में सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में होर्डिंग लगी हुई है। इनमें अलग-अलग पार्टियों का प्रचार सामग्री लगा हुआ है।
बैठक में तय हुआ कि होर्डिंग्स वाली दुकान पर चार्ज जमा करने का निर्देश जारी किया जाएगा। हालाँकि बाद में उसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया।
हाट-बाजारों से शुल्क की छूट जिला परिषद के क्षेत्र में कई हाट-बाजार संचालित हैं। जिला परिषद बोर्ड ने हाट-बाजारों की दुकानों को मंजूरी दे दी है। ओपन डाक से बोलिवी कॉन्स्टिव की जानी है, लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के बस निरीक्षण, कार व ऑटो स्टैंड से भी शुल्क वसूला गया, लेकिन इस दिशा में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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