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कोरोना मरीजों पर Colchicine दवा को DGCI ने दी क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी
Deepa Sahu
12 Jun 2021 11:35 AM GMT
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भारत के औषधि महानियंत्रक
भारत के औषधि महानियंत्रक (DGCI) ने सीएसआईआर और लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को कोविड-19 मरीजों पर कोलचीसीन (Colchicine) दवा के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी है. शनिवार को जारी एक बयान में उक्त जानकारी दी गई. सीएसआईआर महानिदेशक के सलाहकार राम विश्वकर्मा ने बताया कि सामान्य देखभाल/इलाज के साथ कोलचीसीन का उपयोग हृदय रोग से पीड़ित कोविड-19 मरीजों के लिए मददगार साबित होगा और यह प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स को कम करके जल्दी संक्रमण मुक्त होने में मदद करेगा.
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में हुए कई अध्ययनों से इसकी पुष्टि हुई है कि हृदय रोग से पीड़ित कोविड-19 मरीजों को जान को खतरा है और इस कारण काफी लोगों की मौत हो रही है, ऐसे में नयी दवा की जरुरत है. बयान के अनुसार, 'वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड (हैदराबाद) को डीसीजीआई ने कोविड-19 मरीजों के इलाज में कोलचीसीन दवा के उपयोग के प्रभाव और सुरक्षा के संबंध में दूसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी दे दी है.'
इस महत्वपूर्ण क्लीनिकल परीक्षण में साझेदार हैं… सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी, हैदराबाद) और सीएसआईआर-भारतीय समवेत औषध संस्थान (आईआईआईएम, जम्मू). आईआईसीटी के निदेशक एस. चन्द्रशेखर ने कहा कि भारत इस महत्वपूर्ण दवा के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है और अगर यह सफल रहती है तो मरीजों को यह (कोलचीसीन दवा) किफायती दाम पर उपलब्ध कराई जाएगी. लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ राम उपाध्याय ने बताया कि देश में विभिन्न जगहों पर मरीजों के पंजीकरण का काम शुरू हो गया है और परीक्षण 8 से 10 सप्ताह में समाप्त होने का अनुमान है.
'मंजूरी के आधार पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को दवा कराई जाएगी उपलब्ध'
उन्होंने कहा कि परीक्षण के परिणाम और नियामक संस्था से मंजूरी के आधार पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को यह दवा उपलब्ध कराई जाएगी. सीएसआईआर ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि उसने लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए एंटी-हेलमिंथिक दवा (परजीवियों के इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाई) निकलोसमाइड का दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण कर रहा है. सीएसआईआर ने कहा कि निकलोसमाइड दवा का अतीत में बच्चों और व्यस्कों दोनों में टेपवर्म (फीता कृमि) के इलाज में खूब इस्तेमाल हुआ है. समय-समय पर इस दवा के सुरक्षित होने की जांच हुई है और अलग-अलग डोज में भी यह लोगों के सेवन के लिए सुरक्षित है.
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