उत्तर प्रदेश। सावन के पहले दिन गोरखपुर के एक मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा की। बता दें कि सावन का पहला दिन भगवान शिव के नाम से गूंज उठा. झारखंड के बाबा बैद्यनाथ धाम से लेकर हरिद्वार तक भोले के भक्ताें की भीड़ देखी जा रही है. शिवालयों में सुबह से ही भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए भक्त निकल पड़े. हर तरफ भोलेनाथ के जयकारे की गूंज सुनाई दे रही है.
कांवड़ यात्रा को लेकर कई मान्यताएं है, ऐसा कहा जाता है कि सबसे पहले त्रेतायुग में श्रवण कुमार अपने माता पिता की इच्छा पूरी करने के लिए कांवड़ यात्रा की थी. वो अपने माता- पिता को कांवड़ में बैठाकर हरिद्वार ले गए थे और वहां पहुंचकर उन्होंने माता पिता को गंगा में स्नान करवाया और वापस लौटते समय श्रवण कुमार गंगाजल लेकर आए. उन्होंने अपने माता-पिता के साथ जल को शिवलिंग पर चढ़ाया. तभी से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई. इसके अलावा कुछ लोगों का मानना है कि सबसे पहले भगवान परशुराम ने गढ़मुक्तेश्वर से गंगा जल भरकर शिवलिंग पर चढ़ाया था. इसके बाद कांवड़ यात्रा शुरू हुई.