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नई दिल्ली: अश्विनी उपाध्याय के बाद अब देवकीनंदन ठाकुर भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. देश भर में अब राज्यों के साथ जिलेवार अल्पसंख्यकों के निर्धारण की मांग को लेकर धर्म गुरु देवकी नंदन ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि 9 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं. लेकिन फिर भी वो अपने पसंद के शैक्षणिक संस्थान नहीं खोल सकते. जबकि संविधान अल्पसंख्यकों को ये अधिकार देता है.
याचिका में जिन 9 राज्यों में हिंदुओं के अल्पसंख्यक होने का हवाला दिया गया है उनमें लद्दाख, मिजोरम, लक्ष्यद्वीप, जम्मू- कश्मीर का कश्मीर घाटी क्षेत्र , नगालैंड, मेघालय, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर शामिल हैं. याचिका में राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में हिंदुओं की आबादी के राज्य की कुल आबादी के अनुपात का प्रतिशत ब्योरा भी दिया गया है.
याचिका में कहा गया है कि लद्दाख में 1% और मिज़ोरम में 2.75% ही हिंदू आबादी है. बढ़ते क्रम में लक्ष्यदीप में 2.77 %, कश्मीर में 4%, नगालैंड में 8.74%, मेघालय में 11.52%, अरुणाचल प्रदेश में 29%, पंजाब में 38.49% और मणिपुर में 41.29% हिंदू आबादी है.
यानी इन प्रदेशों में ये अल्पसंख्यक हैं. देश के कई राज्यों में कई जिले या कई आसपास के जिलों के इलाके में हिंदू अल्पसंख्यक हैं. लिहाजा जिलावार निर्धारण होगा तो अल्पसंख्यक हिंदू वहां संविधान के मुताबिक अपने समाज के लिए शिक्षा और कल्याण के उपाय कर सकेंगे.
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