- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- काशी के घाटों पर...
काशी के घाटों पर सोमवार की शाम 21 लाख दीप जला कर देव दीपावली मनाई
वाराणसी : देवाधिदेव महादेव के काशी के घाटों पर सोमवार की शाम 21 लाख दीप एक साथ जले तो देवलोक जैसा दर्शन हो। देवताओं के साथ काशीवासियों ने भव्यता से देव दीपावली मनाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहला दीया जलाया, फिर एक-एक करके 85 घाटों, गंगा तट पर रेती, तालाब, कुंड, मंदिर और घरों में दीप जलाए गए।
चेत सिंह घाट पर लेजर शो और गंगा पार क्रैकर्स शो का अद्भुत नजारा। दशाश्वमेध घाट की महाआरती में राम भक्ति और राष्ट्रवाद की झलक देखने को मिली। यह पहला मौका था, जब 70 देशों के राजदूत समेत 150 विदेशी मेहमान आए और देव दीपावली का भव्य, दिव्य दर्शन किया।
12 लाख दिये सरकार तो नौ लाख जनसहभागिता से जले
देव दीपावली पर काशी नगरी में लगभग 21 लाख दीप जलाए गए। काशी के अर्धचन्द्राकार घाटों पर ही 12 लाख से अधिक दीप जलाये गये। इनमें एक लाख दिए गाय के गोबर से बने थे।
पश्चिमी तट के घाटों और पूर्वी तट की रेत पर दीप जलाये गये। काशी के कुंडों, सरोवरों, गंगा-गोमती तट पर स्थित मार्कंडेय महादेव, वरुणा नदी के शास्त्री घाट आदि स्थानों पर करीब नौ लाख दिये जलाये गये। प्रदेश सरकार की ओर से 12 लाख (एक लाख गोबर के दीये) से अधिक, स्वयंसेवी संस्था और जन-धन से कुल 21 लाख से अधिक दीये काशी रोशन हुए हैं।
पहला अवसर, जब 70 देशों के राजदूत व डेलीगेट्स ने देव दीपावली का अवलोकन किया
यह पहला अवसर है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन में 70 देशों के राजनायिकों ने अलौकिक, अद्भुत और अविस्मरणीय क्षण को देखा है। प्रदेश सरकार ने इस बार देव दीपावली को प्रांतीय स्तर पर स्थापित किया है। इससे भव्यता और वृद्धि हुई।
रोशनी से नहाई देवता काशी
धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक नागरी काशी में सोमवार की गोधूली बेला में भव्य देव को मनाया गया। सूर्य के साथ ही उत्तरवाहिनी झाड़ियों के तट पर दीपों ने बनाई अद्भुत और अलौकिक छत्ता। काशी के धनुराकार 85 घाटों पर मनो आकाशगंगा के सितारे उतरे। पूरी काशी के दीयों की रोशनी में नहाई। सभी घाटों पर शंखनाद, भव्य महाआरती और घंट-घड़ियालों की ध्वनि से काशी की धरती पर देवताओं का स्वागत हुआ।
रामलला को समर्पित रही महाआरती
देव दीपावली पर काशी के घाटों की शृंखला अलग-अलग रंग बनाती है। दशाश्वमेध घाट की महाआरती में राम भक्ति और राष्ट्रवाद के साथ आध्यात्मिकता और सामाजिकता की भी झलक दिखी। दशाश्वमेध घाट की महाआरती रामलला को समर्पित की गई। भक्तों को यहां रामलला और राम मंदिर के दर्शन मिले।
अमर अनमोल को साक्षी की शपथ
दशाश्वमेध घाट पर अमर युवा ज्योति की अनुकृति देश के वीर स्मारकों को साक्षात् दर्शाया गया। भारत के अमर वीर योद्धाओं को भगीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित किया गया। 21 अर्चक व 51 देव कन्याएं रिद्धि सिद्धि के रूप में दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की पूजा व आरती की, यह नारी शक्ति का संदेश भी इंटरनेट पर उपलब्ध है।
परंपरा के साथ आधुनिक काशी का दर्शन, महाआरती का सजीव प्रसारण
काशी के घाटों पर एक साथ दिए जले तो अलौकिक दृश्य देखने को मिला। चेतन सिंह घाट पर साउंड एंड लाइट शो विद प्रोजेक्शन शो के माध्यम से पौराणिक काशी और भगवान शिव की चित्रात्मक जानकारी को दर्शकों ने मंत्रमुग्ध हो उठा लिया। देव दीपावली पर काशी के सभी तीर्थों, घाटों पर फसाड लाइट, सड़क के विद्युत खम्भों को भी आकर्षक तिरंगे सिनोपाॅरल झालरों से लगाया गया। काशी विश्वनाथ धाम के सामने गंगा पार रेत पर ग्रीन ग्रिड का भी लोगों ने आनंद उठाया। शहर के छह प्रमुख स्थलों पर घाटों पर महाआरती का प्रसारण किया गया।
श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर लेज़र शो, 11 फूलों के फूलों से बेच
काशी विश्वनाथ मंदिर का जिस तरह से उद्घाटन किया गया था, उसी तरह देव दीपावली पर 11 फूलों के फूलों का उद्घाटन किया गया था। गंगा द्वार पर लेजर शो के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ धाम पर अधारित काशी का महत्व और गैलरी के निर्माण संबंधी जानकारी लेजर शो के माध्यम से जारी किया गया।
मध्य व प्रदेश सरकार के मंत्री भी साक्षी
देव दीपावली कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, मंत्री अनिल राजभर, दयाशंकर मिश्र सांप्रदायिक, तीर्थयात्री आदि भी इस अद्भुत पल में श्रद्धा निवेदित करने जा रहे हैं।
देव दीपावली पर श्री काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन भी भव्यता को माता दे रहे थे। 11 टन फूलों से पूरा धाम परिसर सजाया गया था। वहीं घाट किनारे शाम के समय लाइट एंड साउंड शो का लॉन्च हुआ तो उन्हें दे