देव दीपावली पर्व (कार्तिक पूर्णिमा) हर्षोल्लास के साथ मनाया, मंदिरों में हुई विशेष पूजा व दीपदान
भीलवाड़ा। शहर समेत जिले में कार्तिक पूर्णिमा श्रद्धा के साथ मनाई गई। विभिन्न क्षेत्रों में इस दिन को देव दीवाली के रूप में भी जाना जाता है। महिलाओं ने व्रत रखा। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना हुई। जिले की पवित्र नदियों में दीपदान हुआ। तिलस्वां महादेव मंदिर व त्रिवेणी नदी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। प्रमुख शिवधाम तिलस्वां महादेव में सोमवती पूर्णिमा पर एक दिवसीय मेले में श्रद्धालु उमड़े। तिलस्वां महादेव मंदिर महंत रमेशचंद्र पाराशर के सानिध्य महादेव का रूद्राभिषेक कर 101 किलो पुष्पों से शृंगार किया गया। कार्तिक स्नान को लेकर गत चार दिनों से कार्तिक स्नान की पवित्र कुण्ड में शिव भक्त डुबकी लगा रहे हैं। पांचवें दिन डुबकी लगा कर पूजा-अर्चना की गई। पवित्र कुण्ड में टांटियों में दीपक प्रवाह कर कार्तिक मास स्नान की पूर्णाहुति हुई। श्री तिलस्वां महादेव मंदिर ट्रस्ट की रमेशचन्द्र अहीर के अध्यक्षता में बैठक हुई। दान पात्र खोला गया। ट्रस्ट सचिव मांगीलाल धाकड, नरेश धाकड, नन्दलाल अहीर, भैरूलाल सेन मौजूद रहे।
दुःखभंजन बालाजी पुर में किए 1001 दीप प्रज्वलित
शहर के उप नगर पुर क्षेत्र में स्थित अधारशिला महादेव मंदिर परिसर में स्थापित दुःखभंजन बालाजी मंदिर में देव दीपावली पर्व (कार्तिक पूर्णिमा) हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान गुरूजी दुःखभंजन के सानिध्य में भक्तजनों ने हनुमान चालीसा के पाठ कियें एवं 1001 दीप प्रज्वलित करके ॐ, स्वास्तिक, जयसियाराम की भव्य रंगोली दीपक द्वारा बनायीं गई। उसके पश्चात गुरूजी दुःखभंजन द्वारा महाआरती करके, भक्तजनों में प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर पूनम – अभिजीत माथुर, कीर्ति – मयंक तोमर, अरविन्द गोयल, सुर्यप्रकाश शर्मा, पुरूषोत्तम सुथार, पुष्कर गिरी, अर्जुन जीनगर सहित कई भक्तजन मौजुद रहे।
त्रिवेणी संगम पर कार्तिक महास्नान
कार्तिक पूर्णिमा पर प्रसिद्ध धार्मिक स्थल त्रिवेणी संगम पर पवित्र महास्नान हुआ। दूरदराज से पहुंचे श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान किया। पुण्यस्नान के बाद तट पर ऐतिहासिक शिवलिंग की पूजा की। व्रत व उपवास करने वाली महिलाओं व युवतियों ने दीपदान किया। श्रद्धालु धार्मिक स्नान कर पुण्य कमाने के साथ मेले में लगे हवाई झूले आदि का भी लुत्फ उठाया। दो दिन से चल रही मावठ की बारिश के बाद भी संगम स्थल पर श्रद्धालुओं की संख्या अच्छी रही।