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मशीन मिलने के बावजूद ठेकेदारों से सीवरेज सफाई करवा रहे हैं नगर निगम के ऑफिसर

Shantanu Roy
3 Sep 2023 10:41 AM GMT
मशीन मिलने के बावजूद ठेकेदारों से सीवरेज सफाई करवा रहे हैं नगर निगम के ऑफिसर
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लुधियाना। एक तरफ जहां हल्का वाइस विकास कार्यों के लिए जारी फंड की फिजूलखर्ची बंद करने के लिए सरकार द्वारा चीफ इंजीनियरों को फील्ड में भेजकर क्रॉस चेकिंग करवाने के अलावा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है वहीं, नगर निगम में सीवरेज सफाई की आड़ में हो रही म्युनिसिपल फंड की बर्बादी रोकने की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। इससे जुड़ा मामला पिछले दिनों कमिश्नर संदीप ऋषि की अगुवाई में हुई टेक्निकल कमेटी की पहली मीटिंग के दौरान सामने आया है। इस दौरान ओ एंड एम सेल के अधिकारियों द्वारा सुपर सकशन मशीन से सीवरेज की सफाई करवाने के कई प्रस्ताव मंजूरी देने के लिए पेश किए गए। जबकि हाल ही में सी.एम. मान द्वारा नगर निगम को सीवरेज सफाई के लिए अपनी सुपर सकशन मशीन दी गई है। इस मशीन को सीवरेज की सफाई के लिए फील्ड में भेजने की बजाय नगर निगम अधिकारियों द्वारा अभी भी ठेकेदारों से काम करवाने की योजना बनाई जा रही है। जो सीधे तौर पर नगर निगम के फंड की बर्बादी से जुड़ा मामला बताया जा रहा है क्योंकि अपनी सुपर सकशन मशीन मिलने की जानकारी देने के लिए जारी प्रेस नोट में नगर निगम द्वारा सीवरेज की सफाई के लिए ठेकेदारों के झंझट से छुटकारा मिलने का दावा किया गया था।
सुपर सकशन मशीन से सीवरेज की सफाई करवाने को लेकर पूर्व कमिश्नर शेना अग्रवाल द्वारा सारे शहर के लिए प्लानिंग बनाने के निर्देश दिए गए थे। इसमें पहले अब तक सुपर सकशन मशीन से सीवरेज की सफाई करवाने वाले एरिया मार्क करने के बाद अब सुपर सकशन मशीन से सीवरेज की सफाई की जरूरत वाले एरिया की डिटेल बनाने के लिए बोला गया था लेकिन कमिश्नर की ट्रांसफर के बाद नगर निगम अधिकारियों ने पुराने पैटर्न के आधार पर ही सुपर सकशन मशीन से सीवरेज की सफाई करवाने की मंजूरी देने के प्रस्ताव एक बार फिर टेक्निकल कमेटी की बैठक में पेश कर दिए गए। इस मामले से जुड़ा एक पहलू यह भी है कि सुपर सकशन मशीन से सीवरेज की सफाई करवाने के लिए सरकार द्वारा पहले अपने लेवल पर टेन्डर जारी किया गया था। इसमें एक ही कंपनी द्वारा सबसे ज्यादा रेट पर लुधियाना का टेंडर हासिल किया गया था। अब इस कंपनी का एग्रीमेंट खत्म हो गया है। इसके बावजूद नगर निगम द्वारा लगाए गए टेंडर में उसी कंपनी को काम मिल रहा है। इसमें उक्त कंपनी द्वारा अलग नाम से बनाई गई अन्य कम्पनियों के सपोर्टिंग टेंडर डाले जा रहे हैं। जिन्हें सब कुछ पता होने के बावजूद नगर निगम अधिकारियों द्वारा आंखे बंद करके मंजूरी दी जा रही है।
Shantanu Roy

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