बहुत पुरानी कहावत है, 'मेहनत कभी बेकार नहीं जाती'. समय आने पर वह अपना रंग जरूर दिखाती है. कुछ ऐसा ही हुआ है एक पंचर बनाने वाले शख्स के बेटे के साथ, जिसने महज एक महीने में जुगाड़ से देसी मोटरसाइकिल तैयार कर दी. हैरानी की बात ये है कि शख्स के पास बैट्री तक खरीदने के लिए पैसे नहीं थे. मामला उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की है. बताया जा रहा है कि नीरज मौर्या के पिता एक किसान हैं और हर दिन टायर में पंचर लगाने का भी काम करते हैं. वहीं, नीरज मिर्जापुर के पंचशील डिग्री कॉलेज से पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन, नीरज का दिमाग काफी तेज है और कुछ हमेशा अलग कोशिश करने की चाह रखता हैं. लिहाजा, उन्होंने कड़ी मेहनत से एक महीने में बैट्री वाली मोटरसाइकिल तैयार कर दी. बताया जा रहा है कि यह मोटरसाइकिल एक बार में 50 किलोमीटर की दूरी तय करती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक महीने से नीरज इस मोटरसाइकिल को तैयार करने में लगे थे, लेकिन उनके पास बैट्री तक खरीदने के लिए पैसे नहीं थे.
रिपोर्ट के अनुसार, नवरात्रि के दौरान नीरज ने देवी दुर्गा की मूर्तियां तैयार की और फिर मार्केट में उसे बेचकर पैसे जमा किए और मोटरसाइकिल के लिए बैट्री खरीदी. इस मोटरसाइकिल में फॉरवर्ड गियर, रियर गेयर के साथ रिवर्स सिस्टम भी है. बताया जा रहा है कि इस मोटरसाइकिल को तैयार में कुल 30 हजार रुपए की लागत आई है. वहीं, इस देसी मोटरसाइकिल की स्पीड नॉर्मल पेट्रोल वाली बाइक जितनी है. आलम ये है कि नीरज ने ये जो इनोवेशन किया है, उसकी तारीफ अब हर जगह हो रही है. इतना ही नहीं क्षेत्र के विधायक राहुल प्रकाश खुद नीरज के घर पहुंचे और उन्हें बधाई दी.