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देवघर रोपवे हादसा: घंटों अटकी रहीं सांसें, लोगों ने बयां किया दर्दभरा मंजर |
jantaserishta.com
12 April 2022 5:14 PM GMT
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देवघर रोपवे हादसा के बाद शुरु हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त हो गया है. हादसे के बाद से फंसे सभी लोगों को बाहर निकाल लिया गया है. दुर्घटना में फंसे लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना में फंसे लोगों ने बातचीत में बताया कि 40 से ज्यादा घंटे तक वह लोग फंसे हुए थे. उनको बिल्कुल भी इस बात की उम्मीद नहीं थी कि वह अब यहां से जिंदा वापस लौट पाएंगे.
आपको बता दें कि रविवार को यह हादसा हुआ था. सोमवार देर रात तक 32 लोगों को और मंगलवार को 14 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. इस घटना में 3 लोगों की मौत होने की भी खबर है. इस बचाव अभियान में सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी के द्वारा संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. घटना में बचाये गये ज्यादातर लोग बिहार के सीतामढ़ी, मोतिहारी और झारखंड के हैं.
जिंदा बचने की बिल्कुल भी नहीं थी उम्मीद
घटना में बचाए गये लोगों ने एबीपी से बातचीत में बताया कि उनको बिल्कुल भी इस बात की उम्मीद नहीं थी कि वह जिंदा बचेंगे. उनको रेस्क्यू टीमों ने देर रात को ड्रोन के जरिये पानी और खाना भेजा था. वह लोग इतनी उचांई पर फंसे थे की उनको हर मिनट डर लग रहा था. उन्होंने इतना खतरनाक मंजर पहले कभी नहीं देखा था. अस्पताल में भर्ती लोगों ने सेना को धन्यवाद दिया की उसने उन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.
तकनीकि खामियों के कारण हुआ ये हादसा
गौरतलब है कि यह घटना तब हुई जब त्रिकुट पहाड़ी पर कुछ तकनीकि खामियों के कारण 12 रोपवे ट्रॉलियां आपस में टकरा गईं और और जिस वजह से इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई और 48 अन्य ट्रॉलियों में बुरी तरह से फंस गए. इस हादसे में 10 सैलानी गंभीर रूप से जख्मी हो गए और देर रात उनमें से एक की मौत हो गई. इसके बाद वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए पहुंचे.
लेकिन जब वायु सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था तो इस दौरान भी हादसा हो गया. रेस्क्यू कराए जा रहे 1 युवक की हेलीकॉप्टर से गिरने से मौत हो गई. झारखंड पर्यटन विभाग के अनुसार, यह रोपवे बाबा बैद्यनाथ मंदिर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित है और यह 766 मीटर लंबा है जबकि पहाड़ी 392 मीटर ऊंची है.
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