राजस्थान। राजस्थान (Rajasthan) में कोरोना के साथ डेंगू भी लगातार कहर बरपा रहा है. प्रदेश में ओमिक्रॉन के साथ-साथ डेंगू के रिकॉर्ड तोड़ मामले मिल रहे है. राजधानी जयपुर की बात करें तो यहां में 3500 डेंगू पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं. वहीं प्रदेश में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 20 हजार पार कर चुका है.
कोरोना के साथ डेंगू ने रफ्तार पकड़कर स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. इसके अलावा प्रदेश में एडीज एजिप्टाई मच्छर के काटने से होने वाले डेंगू से 54 लोगों की मौत भी हो चुकी है. बता दें कि डेंगू मरीजों के मामले में जयपुर पहले नंबर है. इसके बाद कोटा दूसरे और जोधपुर तीसरे नंबर पर है. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक कई इलाकों में माइट या पिस्सू के काटने से स्क्रब टाइफस के भी मरीज मिलने लगे हैं. वहीं अगर पिछले साल के आंकड़ों को देखें तो इस बार 280 ज्यादा पॉजिटिव मरीज डेंगू के मिले हैं. इसके अलावा पिछले साल स्क्रब टाइफस के 1618 मामले मिले थे जो इस बार बढ़कर 1898 पर पहुंच गए हैं. इसके साथ ही अगर जिलेवार आंकड़ें देखें तो बीकानेर, अलवर, धौलपुर, झालावाड़, करौली, उदयपुर, बाड़मेर, भरतपुर, चूरू और जोधपुर में डेंगू के मरीज मिले हैं.
बता दें कि इस बार प्रदेश में सबसे ज्यादा केस बढ़ने का कारण डेंगू का डेन-2 वैरिएंट है. वहीं, स्वास्थ्य जानकारों के मुताबिक यह मरीज के लीवर और फेफड़े पर असर करता है. एक्सपर्ट के अनुसार इस वैरिएंट का असर सबसे पहले पेट पर होता है जिसके कारण मरीज को पेट दर्द के साथ तेज बुखार की शिकायत होती है. इस शुरुआती बुखार में प्लेटलेट्स कम नहीं होते और इस वैरिएंट का असर भी नहीं दिखता. लेकिन ये मरीज के गॉलब्लेडर, लीवर और फेफड़े पर ज्यादा असर करता है. वहीं राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए डोर टू डोर सर्वे शुरू कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम संदिग्ध लोगों के घरों में जाकर मौके पर ही ब्लड सैंपल लेकर लैब जांच के लिए भिजवा रही है. इसके अलावा जिन इलाकों में ज्यादा मरीज मिल रहे हैं, वहां नगर निगम और नगर पालिकाओं से फॉगिंग और लार्वा खत्म करने के लिए दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है.