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नोएडा/गाजियाबाद: मौसम के करवट लेते ही बीमारियां भी पनपने लगी हैं। कभी ठंडा तो कभी गर्म मौसम कई बीमारियों को न्योता देता है और इस समय सबसे ज्यादा बीमारियां मच्छर और मक्खियों के जरिए लोगों तक पहुंचती है, जिनमें मलेरिया और डेंगू शामिल हैं।
डेंगू की बात करें तो गाजियाबाद में अब तक 39 और नोएडा में 66 केस मिले हैं। गाजियाबाद में टाइफाइड से एक मरीज की मौत हुई है, जिसे बीते 4 दिनों से बुखार आ रहा था और उसके बाद उसकी मौत हो गई। इससे 3 दिन पहले भी गाजियाबाद में डेंगू के एक मरीज की मौत हुई थी। इसके साथ ही वायरल के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। प्रभावित इलाकों में मरीजों की सैंपलिंग हो रही है और एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। इस समय अपना और अपने बच्चों का काफी ध्यान रखना है ताकि उनके मच्छर से वह प्रभावित न हो।
स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर आरके गुप्ता ने बताया, नंदग्राम क्षेत्र में राधा कुंज निवासी 29 वर्षीय मोहित मावी एक सिक्योरिटी कंपनी में कार्यरत था। 31 जुलाई को मोहित को बुखार, उल्टी और पेट दर्द की समस्या हुई। परिजनों ने नजदीक के बंगाली डॉक्टर को दिखाकर मेडिसिन ले ली। ब्लड जांच में प्लेटलेट्स सिर्फ 27 हजार पाए गए। हालत में सुधार नहीं होने पर परिजनों ने मोहित को 2 अगस्त की रात 9 बजे सेंट जोजफ मरियम अस्पताल नंदग्राम में एडमिट कराया। यहां पर हुई जांच में मरीज को टायफाइड, जॉनडिस के लक्षण पाए गए।
3 अगस्त को मोहित को वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया। यहां हालत में सुधार नहीं होने पर मरीज को 4 अगस्त की सुबह 4 बजे फोर्टिस अस्पताल दिल्ली के लिए रेफर किया गया। अस्पताल पहुंचते ही उसे मृत घोषित कर दिया। जिला सर्विलांस अधिकारी आरके गुप्ता ने बताया, मृतक मोहित के परिवार में कुल 10 सदस्य हैं। फिलहाल सभी स्वस्थ हैं। मलेरिया यूनिट ने उनके घर का भ्रमण किया है। वहां एंटी लार्वा का छिड़काव करते हुए अन्य परिजनों को जरूरी दवाएं दी गई हैं। सर्वे में आसपास के घरों में कोई अन्य मरीज नहीं पाया गया है।
इसके साथ उन्होंने बताया कि जिले में भी कई जगहों पर लोगों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है कि लारवा का छिड़काव किया जा रहा है और कहीं भी अगर पानी भरने या पानी ठहरने की सूचना मिलती है तो वहां पर जाकर दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है उसके सफाई करवाई जा रही है। गौतमबुद्ध नगर के जिला मलेरिया अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि जिले में अगर डेंगू के मरीजों की संख्या की बात की जाए तो 66 पॉजिटिव मरीज अभी तक मिले हैं जिनका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि तापमान बढ़ता और घटता रह रहा है जिसकी वजह से मच्छर और मक्खी सक्रिय हो रहे हैं। जबकि पिछले वर्ष इस समय के अंतराल में डेंगू के बहुत कम मरीज मिले थे। सभी निजी अस्पतालों को डेंगू के संदिग्ध मरीज आने पर तुरंत स्वास्थ विभाग को जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ जगह जगह जहां पर भी जलभराव है या जहां पर भी डेंगू मलेरिया का लारवा मिलने की संभावना है, वहां टीम जाकर संबंधित को नोटिस जारी कर रही है और अगर जल्द वहां की सफाई नहीं की गई तो जुर्माना भी लगाने का काम किया जाएगा। बढ़ते डेंगू के मामले को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर के स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस ली है। उन्होंने यह भी कोशिश जारी की है कि लोगों को डेंगू और मलेरिया से बचाया जा सके। जिला अस्पताल और चाइल्ड पीजीआई में सेनेटिनल लैब बनाई गई है।
अगर किसी निजी अस्पताल में डेंगू का कोई संदिग्ध मामला आता है तो अस्पताल को जांच के लिए संदिग्ध सैंपल सेनिटेनल लैब में भेजना होगा, फिर डेंगू कंफर्म माना जाएगा। इसके लिए जिले भर के सभी निजी अस्पतालों को सूचना जारी कर दी गई है और उन्हें बताया गया है कि अगर आपके यहां कोई भी डेंगू का मरीज आता है और उसमें डेंगू के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत स्वास्थ विभाग को उसकी जानकारी उपलब्ध करानी होगी। अगर ऐसा नहीं कराया जाएगा तो फिर उस निजी अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कार्रवाई भी की जा सकती है।
इसके साथ साथ स्वास्थ विभाग ने बड़ी-बड़ी सोसायटियों में भी जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है और सोसाइटी के मेंटेनेंस डिपार्टमेंट को यह निर्देश दिया गया है कि उनके सोसाइटी के बेसमेंट में या जिन जगहों पर पानी भरने की गुंजाइश है, उन्हें लगातार चेक किया जाए और वहां पर डेंगू और मलेरिया के लार्वा को पनपने ना दिया जाए।
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