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कोलकाता : विश्व भारती विश्वविद्यालय के परिसर में कई दिनों से छात्र प्रदर्शन चल रहा है. आक्रोशित छात्रों ने कई मांगों को लेकर विश्व भारती के केंद्रीय कार्यालय में उप कुलपति विद्युत चक्रवर्ती का घेराव किया था. आरोप है कि आंदोलन के दौरान छात्रों ने हंगामा किया और विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों से भिड़ गए. छात्रों पर वाइस चांसलर पर कुर्सियां फेंकने का भी आरोप लगा था. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छह छात्रों और एक प्रोफेसर को विश्वविद्यालय से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है.
विश्वविद्यालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी छात्रों को अगले एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है, लेकिन सिर्फ छात्र ही नहीं बल्कि प्रोफेसर सुदीप्त भट्टाचार्य को भी सस्पेंड कर दिया गया है.
निलंबित छात्रों के अनुसार, अगर उप कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे, तो उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा. वे इतने लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उप कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने उनसे बात करने की आवश्यकता महसूस नहीं की. प्रोफेसर सुदीप्त भट्टाचार्य ने भी यही शिकायत की. आंदोलनकारी छात्रों ने शिकायत की, "हमने विश्वभारती के उप कुलपति को उनके निरंकुश रवैये का विरोध करते हुए घेराव किया था. उनका यह रवैया एक बार फिर सामने आया है. जिस तरह पहले छात्रों को विश्व भारती के उप कुलपति के खिलाफ बोलने के लिए निलंबित किया गया था. इस बार भी छात्रों को निलंबित कर दिया गया है." गौरतलब है कि विगत 23 को छात्रों ने विश्व भारती के उप कुलपति विद्युत चक्रवर्ती को केंद्रीय कार्यालय में घेर कर विरोध प्रदर्शन किया था. दोपहर 2 बजे तक उप कुलपति को घेराबंदी से मुक्त किया गया था.
हाल में हाईकोर्ट के जस्टिस जय सेनगुप्ता ने आदेश दिया था कि विश्व भारती यूनिवर्सिटी के 50 मीटर के दायरे में धरना-प्रदर्शन नहीं होना चाहिए. उच्च न्यायालय ने विश्व भारती के उप कुलपति विद्युत चक्रवर्ती द्वारा दायर मामले में यह आदेश दिया था. कई महीनों तक बार-बार छात्रों के विरोध से विश्व भारती में हंगामा मचा हुआ है. उप कुलपति के सुरक्षा गार्डों पर छात्रों के धरने को तोड़ने का आरोप लगाया गया है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई थी. छात्रों ने कुलपति के आवास का घेराव कर विरोध शुरू कर दिया था. विश्व भारती के उप कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के आवास के सामने कई छात्र 20 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद कुलपति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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