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सरकारी-निजी दफ्तरों से पीएम मोदी की तस्वीरें हटाने की मांग, ऐक्टिविस्ट ने बताया आचार संहिता का उल्लंघन

Nilmani Pal
18 March 2024 2:17 AM GMT
सरकारी-निजी दफ्तरों से पीएम मोदी की तस्वीरें हटाने की मांग, ऐक्टिविस्ट  ने बताया आचार संहिता का उल्लंघन
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मुंबई। चुनाव आयोग (ECI) के लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते ही आदर्श आचार संहिता पूरे देश में लागू हो गई है। इसी मामले को लेकर पुणे के दो ऐक्टिविस्ट ने चुनाव आयोग को लीगल नोटिस भेज दिया है और कहा है कि सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी जगहों से प्र्धानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें हटवाई जाएं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक नोटिस में कहा गया है कि निष्पक्ष चुनाव कराने के लए यह सुनश्चित करना जरूरी है कि प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरों का इस्तेमाल भी सोच-समझकर किया जाए।

नोटिस में कहा गया है कि चुनाव आयोग को निर्देश देना चाहिए कि कार्यालयों, एयरपोर्ट, विमानों, रेलवे स्टेशनों, ट्रेन, मेट्रो, बस स्टेशन, बस स्टॉप और अन्य जगहों से पीएम मोदी की तस्वीरें हटवा ली जाएं। महाराष्ट्र के दोनों उपमुख्यमंत्रियों के साथ वाली पीएम मोदी की एक तस्वीर भी नोटिस में अटैच की गई और कहा गया कि यह चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है। नोटि में कहा गया, हमारा सुझाव है कि चुनाव आयोग कार्यालयों को भी निर्देश दे कि चुनाव तक प्रेधानमंत्री मोदी की तस्वीरों को ढक दिया जाए।

बता दें कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किसी सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति की तस्वीरों का इस्तेमाल प्रचार के लिए करना प्रतिबंधित रहता है। सत्ताधारी दल भी किसी पद का इस्तेमाल प्रचार के लिए नहीं कर सकता है। लीगल नोटि भेजने वाले ऐक्टिविस्ट में ऐडवोकेट असीम सरोडे और पर्यावरण विज्ञानी विश्वंभर चौधरी शामिल हैं। निर्भय बानो मंच के बैनर तले सरोजे और चौधरी महाराष्ट्र में एक यात्रा कर रहे हैं और चुनाव के नियमों के लिए प्रचार रहे हैं। कई जगहों पर उनके लेक्चर आयोजित हो चुके हैं।

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