'थैंक गॉड' फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग, हिन्दू जनजागृति समिति ने दी चेतावनी
'थैंक गॉड' फिल्म में अभिनेता अजय देवगन मुख्य भूमिका कर रहे हैं । इसका ट्रेलर कुछ समय पूर्व ही यू-ट्यूब पर प्रदर्शित हुआ है । इस फिल्म में हिन्दू धर्म के अनुसार मृत्यु के पश्चात प्रत्येक के पाप-पुण्य का हिसाब करनेवाले 'चित्रगुप्त' देवता और मृत्यु के पश्चात आत्मा को ले जानेवाले 'यमदेवता' को आधुनिक स्वरूप में दिखाया गया है । उनके मुख में फालतू उपहास पूर्ण संवाद (जोक) दिए गए हैं । अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम पर हिन्दू धर्म के भगवान चित्रगुप्त और यम देवता का उपहास हम कदापि सहन नहीं करेंगे । यह ट्रेलर प्रदर्शित होने तक क्या सेन्सर बोर्ड सोया हुआ था ? सेन्सर बोर्ड इस फिल्म को प्रमाणपत्र न दे, अन्यथा हम सडक पर उतरकर इसका विरोध करेंगे, ऐसा चेतावणी देने के साथ ही हिन्दू जनजागृति समिति ने राज्य तथा केंद्रीय गृहमंत्रालय से मांग की है कि, धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले इस फिल्मपर प्रतिबंध लगाया जाए ।
इस फिल्म द्वारा हिन्दुओं की धार्मिक संकल्पना और देवताओं का उपहास कर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत की गई हैं । इस फिल्म के कुछ दृष्य और संवाद ही सामने आए हैं । प्रत्यक्ष में पुरी फिल्म में और भी आपत्तिजनक संवाद होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता ।
इस फिल्म में अजय देवगन को सूट-बूट पहने हुए मॉडर्न 'चित्रगुप्त' के रूप में दिखाया गया है तथा यमदूत को 'वाई.डी.' (YD) ऐसा नाम का अपभ्रंश कर संबोधित किया गया है । हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर भगवान चित्रगुप्त उसके पाप-पुण्य का हिसाब करते हैं । ऐसा होते हुए इस संकल्पना को तोड मरोडकर अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा को जीवित अवस्था में भगवान चित्रगुप्त के दरबार में ले जाते हुए दिखाया गया है । वहां भगवान चित्रगुप्त उसके साथ 'गेम ऑफ लाईफ' खेलते हुए दिखाए गए हैं । कुल मिलाकर हिन्दू धर्म की एक संकल्पना को 'कॉमेडी' के नाम पर गलत और आपत्तिजनक पद्धति से दिखाकर उसका उपहास उडाया गया है ।
इससे पूर्व भी 'पीके', 'ओ माई गॉड', 'सिंघम रिटर्न्स', 'तांडव' जैसे अनेक फिल्मो तथा वेब सिरीज के माध्यम से हिन्दू धर्म, देवता, साधुसंतों को लक्ष्य किया गया । हिन्दुओं की प्रथा-परंपराओं से संबंधित उपहास कर उनके प्रति घृणा निर्माण की जाती है । यह सर्व रोकने के लिए केंद्र सरकार को तत्काल कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है । उसी प्रकार सेन्सर बोर्ड में भी धार्मिक प्रतिनिधि होने चाहिए, जो यह सावधानी बरतेंगे कि धार्मिक भावनाओं का अनादर न हो, ऐसी मांग भी हिन्दू जनजागृति समिति ने की है ।