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सोनिया गांधी से मांग, 'हिंदू विरोधी बयानों के मामले में वह दिग्विजय सिंह पर रोक लगाएं'

Deepa Sahu
13 July 2021 6:02 PM GMT
सोनिया गांधी से मांग, हिंदू विरोधी बयानों के मामले में वह दिग्विजय सिंह पर रोक लगाएं
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राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह अक्सर विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं।

भोपाल। राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह अक्सर विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं।उनके बयानों से पार्टी न इत्तेफाक रखती है, न कभी खुद को अलग किया, लेकिन हिंदू विरोधी बयानों को लेकर पार्टी में ही दिग्विजय सिंह के खिलाफ सुर उठ गए हैं। स्पष्ट कहा जाने लगा है कि ऐसे बयानों से कांग्रेस को काफी नुकसान होता रहा है।

एआइसीसी सदस्य विश्वबंधु राय ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र
पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग की गई है कि हिंदू विरोधी बयानों के मामले में वह दिग्विजय सिंह पर रोक लगाएं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य विश्वबंधु राय ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा है कि वर्ष 2003 में जब से दिग्विजय सिंह सत्ता से बाहर हुए हैं, वह लगातार हिंदू विरोधी बयान देते आ रहे हैं। वह एक वर्ग को खुश करने की मंशा से हिंदुओं को नाराज करते रहे हैं। देश की बड़ी आबादी उनके बयान को ही कांग्रेस का आधिकारिक बयान मान लेती है और कांग्रेस से नाराज हो जाती है।
दिग्विजय के बयानों से हिंदू ही नहीं मुस्लिम भी दूर हो रहे हैं
एक तरफ हिंदू दूर हो रहे हैं, वहीं दिग्विजय सिंह जिस वर्ग को खुश करना चाहते हैं, वह भी पार्टी से दूर होता जा रहा है। कश्मीर में अनुच्छेद 370, बाटला हाउस मुठभेड़ का मामला, आतंकी ओसामा के नाम में जी जोड़ना आदि कई मामले हैं।
दिग्विजय के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के चलते कांग्रेस गोवा में सरकार नहीं बना सकी
मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन के लिए काम कर चुके राय ने लिखा है कि दिग्विजय सिंह को गोवा का प्रभारी बनाया गया, लेकिन कांग्रेस जीतकर भी सरकार नहीं बना सकी। ये उन्हीं के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण हुआ। सिंह के प्रभारी रहते तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी कांग्रेस को नुकसान हुआ।
यूपी में काग्रेस की दुर्गति, मप्र में कमल नाथ सरकार जाने में दिग्विजय की भूमिका की समीक्षा की मांग
राय ने उप्र में कांग्रेस की दुर्गति और मप्र में कमल नाथ सरकार जाने में भी दिग्विजय सिंह की भूमिका की समीक्षा की मांग की है।
कमल नाथ सॉफ्ट हिंदुत्व के हिमायती, दिग्विजय के बयान विपरीत दिशा में
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने भाजपा के एकाधिकार में सेंध लगाने के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व का नया रास्ता निकाला था। बतौर मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कई ऐसे निर्णय लिए जो सीधे हिंदू वर्ग की धार्मिक भावना से जुड़े थे, जैसे मप्र में राम वन गमन पथ का जीर्णोद्घार, उज्जैन महाकाल मंदिर में निर्माण व सुविधाओं के लिए करोड़ों की योजना और हर गांव में गौशाला निर्माण आदि। इसके अलावा जब अयोध्या में राममंदिर के लिए शिलान्यास किया गया, तब भी कमल नाथ ने पूरे प्रदेश में कांग्रेस कार्यालयों में हनुमान चालीसा का पाठ आयोजित कराया था। इसके अलावा कई मौकों पर वह सुंदरकांड का पाठ कराते रहे हैं। नाथ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में गणेश पूजा पर मूर्ति स्थापना की भी शुरुआत कराई थी, लेकिन दिग्विजय सिंह के हिंदू विरोधी बयान उनके प्रयासों पर पानी फेरते रहे हैं।
हिंदू विरोधी बयानों से कांग्रेस को हो रहा नुकसान
पूरा देश जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के पक्ष में है। फिर भी दिग्विजय उल्टा बयान देते हैं। जो कांग्रेस नेता मुस्लिमों के मसीहा बनकर तुष्टिकरण की राजनीति करना चाहते हैं वे सार्वजनिक बयानबाजी न करें। चाहें तो अपने घर में उनकी उपासना पद्धति अपना लें। कांग्रेस में पहले मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति थी, लेकिन दिखावे के तौर पर। अब तो खुलेआम हिंदू विरोधी बयान आ रहे हैं। इससे कांग्रेस को नुकसान हो रहा है- विश्वबंधु राय, एआइसीसी सदस्य।


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