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धार्मिक संस्थाओं के लिए समान कानून की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल, वक्फ कानून-1995 को चुनौती

jantaserishta.com
16 April 2022 10:10 AM GMT
धार्मिक संस्थाओं के लिए समान कानून की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल, वक्फ कानून-1995 को चुनौती
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नई दिल्ली: सभी धर्मों के धर्मार्थ ट्रस्ट और धार्मिक संस्थाओं के लिए एक समान कानून (समान धर्मस्थल संहिता) बनाने की मांग को लेकर वकील अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

कोर्ट में दाखिल याचिका में सभी धर्मों के धर्मार्थ ट्रस्ट और धार्मिक संस्थाओं के लिए समान कानून (समान धर्मस्थल संहिता ) बनाने की मांग करते हुए वक्फ कानून 1995 की धारा 4, 5, 6, 7, 8, 9 की वैधानिकता को चुनौती दी है. इसमें कहा गया है कि कानून की ये धाराएं वक्फ संपत्ति को विशेष दर्जा देती हैं जबकि अन्य न्यासों, मठों, अखाड़ों और अन्य संस्थाओं को वैसा दर्जा प्राप्त नहीं है.
इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि वक्फ कानून में वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने की असीमित शक्ति दी गई है. याचिका में कहा गया है कि हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख, और अन्य समुदायों के पास अपनी संपत्ति को सरकार या वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ संपत्ति लिस्ट में शामिल होने से बचाने का कोई उपाय नहीं है. इसलिए ये प्राविधान अन्य धर्मों के साथ भेदभाव करने वाले हैं, जो कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 में दिये गए समानता के अधिकार का उल्लंघन है.
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