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बुर्के में वोटिंग के लिए आने वाली महिलाओं की खास जांच की मांग, ओवैसी को आया गुस्सा
jantaserishta.com
24 May 2024 5:44 AM GMT
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सांकेतिक तस्वीर
सात लोकसभा सीटों पर होने जा रही वोटिंग से पहले बुर्के पर बहस तेज हो गई है।
नई दिल्ली: दिल्ली में शनिवार को सात लोकसभा सीटों पर होने जा रही वोटिंग से पहले बुर्के पर बहस तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुर्के में वोटिंग के लिए आने वाली महिलाओं की खास जांच की मांग चुनाव आयोग से की है। इसको लेकर राजनीति तेज हो गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी भाजपा की इस मांग पर भड़क गए हैं। उन्होंने मुस्लिम औरतों को परेशान करने का आरोप जड़ दिया। उन्होंने कहा कि जब पहले से बुर्के और घूंघट में होने पर जांच का नियम है तो भाजपा ऐसी डिमांड क्यों कर रही है।
भाजपा विधायक अजय महावार, मोहन सिंह बिष्ट, राज्य सचिव किशन शर्मा और वकील नीरज गुप्ता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को चुनाव आयोग के दफ्तर जाकर ज्ञापन सौंपा। भाजपा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि 25 मई को जो महिलाएं बुर्के में चेहरा ढंककर वोटिंग के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंचेंगी उनकी ठीक से जांच की जाए। महावर ने कहा, 'जो महिलाएं बुर्के में आएंगी या चेहरे पर मास्क होगा उनके सही सत्यापन के बाद भी वोटिंग की इजाजत दी जाए। एक महिला अधिकारी या महिला पुलिस को उनका चेहरा देखना चाहिए।'
भाजपा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि हर बूथ पर पर्याप्त संख्या में महिला मतदान कर्मियों और महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाए ताकि बुर्के में आने वाली महिलाओं की जांच हो सके। भाजपा ने आशंका जाहिर की है कि चेहरा छिपाकर बोगस वोटिंग की कोशिश हो सकती है। भाजपा ने इसमें लिखा है, 'मतदान के दिन काफी महिलाएं बुर्का या पर्दानशीं होकर पहुंचती हैं। इसलिए उनकी पहचान को सत्यापित किया जाए और बोगस वोटिंग ना होने दी जाए।'
ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर भाजपा के कदम की आलोचना करते हुए कहा, 'भाजपा के दिल्ली इकाई ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि बुर्के में औरतों की खास जांच होनी चाहिए। तेलंगाना में पिछले दिनों हुए लोकसभा के मतदान के दौरान इनके उम्मीदवार ने मुस्लिम ख्वातीन की सरेआम बेइज्जती की और परेशान करने का काम किया। हर चुनाव में भाजपा कोई न कोई बहाना ढूंढ कर मुस्लिम ख्वातीन को परेशान करती है और निशाना बनाती है। परदा-नशीन औरतों को लेकर निर्वाचन सदन के साफ कवाईद और जाबते हैं, चाहे वो बुर्के में हों या घूंघट में हों या मास्क में, बिना तस्दीक/जांच के किसी को भी वोट देने नहीं दिया जाता है तो फिर भाजपा को ऐसी खास मांग क्यों करनी पड़ी? बस मुस्लिम औरतों को निशाना बनाया जाए, उनको सताया जाए और उन्हें वोट देने में बाधा बनाया जाए।'
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