भारत

दिल्ली हिंसा: गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

Teja
13 Feb 2023 5:44 PM GMT
दिल्ली हिंसा: गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित
x

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली हिंसा की साजिश की आरोपित गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.

सुनवाई के दौरान गुलफिशा के वकील सुशील बजाज ने हाई कोर्ट से कहा कि अगर हम उसे और कुछ नहीं दे सकते तो कम से कम उसे आजादी तो दे ही सकते हैं. गुलफिशा के खिलाफ चुनिंदा तरीके से आरोप पत्र दिए गए हैं, ताकि उसे अपराधी बताया जा सके. उन्होंने कहा कि गुलफिशा पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य नहीं थी, जैसा कि दिल्ली पुलिस (Police) कह रही है. बजाज ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि 20 दिसंबर, 2019 को दरियागंज पुलिस (Police) थाने के सामने हुए प्रदर्शन में गुलफिशा शामिल थी. गुलफिशा सीलमपुर में प्रदर्शन में शामिल थी और सीलमपुर में ही पिंजरा तोड़ के सदस्य भी शामिल हुए थे.

बजाज ने कहा कि वे ये नहीं जानते कि फातिमा रिहा होगी कि नहीं और उसका जीवन भविष्य में कैसा होगा. उसकी वैवाहिक जिंदगी कैसी होगी और उसका करियर कैसा होगा, वो खुश रहेगी कि नहीं ये नहीं जानते. ऐसे में अगर उसे कुछ नहीं दे सकते तो कम से कम आजादी दे सकते हैं.

गुलफिशा की ओर से 6 जनवरी को भी कहा गया था कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि उसने कोई भाषण दिया या मिर्च पाउडर का इस्तेमाल किया. गुलफिशा फातिमा के वकील ने कहा था कि गुलफिशा के पास से कोई भी चीज बरामद नहीं की गई है. गुलफिशा को गिरफ्तार करते वक्त केवल एक गवाह के बयान दर्ज किए गए थे. उसके बयान में कोई विशेष आरोप या घटना का जिक्र नहीं किया गया है. गवाह का बयान अभियोजन के नैरेटिव के मुताबिक था.

सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर वगैरह की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. हाई कोर्ट ने 18 अक्टूबर, 2022 को इस मामले के आरोपित उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 16 मार्च, 2022 को दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के मामले में यूएपीए की आरोपित गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कड़कड़डूमा कोर्ट के फैसले को गुलफिशा ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

Next Story