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पुलिस ने सोशल मीडिया पर नकली नोट बेचने वाले को पकड़ा, फर्जी ग्राहक बनकर संपर्क किया
jantaserishta.com
10 March 2023 4:42 AM GMT
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अपनी इंस्टाग्राम आईडी और व्हाट्सएप के जरिए 100 रुपये और 500 रुपये के नकली भारतीय नोट (एफआईसीएन) बेचने के आरोप में...
नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अपनी इंस्टाग्राम आईडी और व्हाट्सएप के जरिए 100 रुपये और 500 रुपये के नकली भारतीय नोट (एफआईसीएन) बेचने के आरोप में राजस्थान के एक 22 वर्षीय ठग को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आरोपी की पहचान राजस्थान के बाड़मेर निवासी मूलाराम के रूप में हुई है। आईएफएसओ के पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने कहा कि भारत सरकार के सिक्का और मुद्रा विभाग के उप सचिव से एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक इंस्टाग्राम आईडी उनके संज्ञान में आई है, जिस पर नकली भारतीय नोट बेचे जा रहे हैं।
पुलिस उपायुक्त ने कहा, पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए फर्जी ग्राहक बनकर मूलाराम से संपर्क किया। जब आरोपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह तीन हजार के बदले में 6,000 रुपये भेजेगा, तो जांच अधिकारी ने आरोपी के गूगल पे नंबर पर यूपीआई के माध्यम से 3,000 रुपये ट्रांसफर किए।
अधिकारी ने कहा, तकनीकी सबूतों के आधार पर आरोपी का पता लगाने का प्रयास किया गया। आरोपी मूलाराम को आखिरकार राजस्थान के जालौर जिले के मैत्रीवाड़ा से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान, मूलाराम ने पुलिस को बताया कि कुछ वेंचर में असफल होने के बाद, उसने जिगोलो क्लब में शामिल होने में मदद करने के बहाने लोगों को धोखा देना शुरू कर दिया।
डीसीपी ने कहा कि लोगों को जिगोलो क्लब में शामिल होने का झांसा देकर उनसे पैसे वसूल करता था और उसके बाद अपना मोबाइल नंबर बदलकर कभी जवाब नहीं देता था। आरोपी के मोबाइल फोन के तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि वह अब तक दो व्यक्तियों को जिगोलो क्लब में शामिल करने के बहाने ठग चुका है।
डीसीपी ने आगे कहा कि उसने 2021 में अपनी इंस्टाग्राम आईडी के जरिए नकली नोटों को बेचने के बहाने लोगों को ठगना शुरू किया। मूलाराम ने अपने इंस्टाग्राम पर कुछ वीडियो अपलोड किए, जिसमें नकली भारतीय मुद्रा को दिखाया गया था। आरोपी ने इन वीडियो को लोगों (पीड़ितों) को दिखाने के लिए अपलोड किया था कि वह मुद्रा नोट उन्हें सप्लाई करेगा जो असली लग रहे थे।
इसके अलावा डीसीपी ने कहा कि आरोपी अपने टारगेट से व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से ही बात करता था। अपने टारगेट से रुपये प्राप्त करने के बाद, वह अपने इंस्टाग्राम पर यह दिखाते हुए वीडियो अपलोड करता था कि उसने उन सभी करेंसी नोटों को पीड़ित को भेजने के लिए पार्सल में डाल दिया है, लेकिन उसने ऐसा कभी नहीं किया।
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