Delhi: ममता बनर्जी राहुल गांधी के नेतृत्व की कभी नहीं रही पक्षधर
दिल्ली: आम आदमी पार्टी भले ही इंडिया गठबंधन में शामिल है, लेकिन राज्यों में वह कांग्रेस के खिलाफ है। ममता बनर्जी की राजनीति अगर देखें तो वह भी अपने राज्य में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं। दूसरी सबसे अहम बात राहुल गांधी के नेतृत्व के वह कभी भी पक्ष धर नहीं रही हैं।
18 वीं लोकसभा के गठन के बाद दो बार ऐसे मौके आ गए जब राहुल गांधी विपक्ष का नेता होने की ताकत दिखाई तो Mamata Banerjee ने उन्हें झटका दिया।
पहला मौका लोकसभा के अध्यक्ष के चुनाव के समय हुआ। राहुल चाहते थे मत विभाजन हो। लेकिन टीएमसी नेत्री ने उसके उल्ट ध्वनि मत का फैसला किया।जो कांग्रेस को मानना पड़ा।
ममता नहीं चाहती थी कि स्पीकर पद को लेकर चुनाव हो: सूत्र बताते हैं ममता नहीं चाहती थी कि स्पीकर पद को लेकर चुनाव हो,लेकिन राहुल की जिद के चलते चुनाव हुआ।बाद में ममता ने कहा भी उनसे पूछे बिना फैसला कर लिया गया। और अब जब नीति आयोग की बैठक में भाग लेने का मामला आया तो कांग्रेस ने बजट के एक दम बाद घोषणा कर दी उनके मुख्यमंत्री और सहयोगी दल के सीएम नीति आयोग की बैठक में नहीं जायेंगे।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल ने तो ममता बनर्जी को लेकर उम्मीद जताई थी कि वह बैठक में शामिल नहीं होंगी। लेकिन ममता बनर्जी बैठक में शामिल हुई।