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376 करोड़ की लागत से कृतिम झीलों को विकसित कर दिल्ली जल बोर्ड करेगा जल संग्रहण

jantaserishta.com
11 Jan 2023 9:47 AM GMT
376 करोड़ की लागत से कृतिम झीलों को विकसित कर दिल्ली जल बोर्ड करेगा जल संग्रहण
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली में प्राकृतिक जल स्तर के पुनर्विकास के लिए कृतिम झीलों को विकसित कर जल संरक्षण करने का कार्य किया जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड ने साल 2018 से लेकर अब तक करीब 45 जलाशयों और जिलों को विकसित करने का काम पूरा कर लिया है। तिमारपुर में 35 एकड़ में फैली झील का निर्माण कार्य चल रहा है। उम्मीद की जा रही है इन जलाशयों और झील को विकसित करने के बाद राजधानी में भूजल स्तर बढ़ जाएगा। आपको बता दें कि जल बोर्ड ने दिसंबर 2018 में 155 जलाशयों के पुर्नजीवन के लिए 376.79 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। बाद में 22 झीलों और 200 जलाशयों के पुनर्विकास की योजना तैयार हुई। इसके तहत शुरूआती चरण में 50 जलाशयों की झीलों के रूप में विकसित करने का काम शुरू हुआ। पिछले वर्ष अक्टूबर तक यह काम पूरा होना था।
जल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक 45 जलाशय के विकास का कार्य पूरा हो चुका है। इसमें डेरा मंडी, तिमारपुर, संजय वन, कराला, बुराड़ी, हिरंकी जंगली पूना, मुंगेशपुर इत्यादि जगहों पर विकसित जलाशय शामिल हैं। इससे आसपास के इलाके का भूजल स्तर बढ़ने की उम्मीद है। वर्तमान समय में पांच जलाशयों के विकास का कार्य चल रहा है। यह कार्य भी अगले कुछ माह में पूरा हो जाएगा।
गौरतलब है कि जल बोर्ड ने तिमारपुर में 35 एकड़ में झील विकसित की है। इसकी जल भंडारण क्षमता 7.5 मिलियन गैलन है। इससे प्रतिदिन 15 से 20 मिलियन गैलन पानी रिचार्ज हो सकेगा। इसके अलावा डेरा मंडी में करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन में झील विकसित की गई है। इसमें 3.3 मिलियन गैलन पानी एकत्रित किया जा सकेगा। सन्नौर में छह एकड़ में झील का विकास किया गया है। इसमें 33 मिलियन लीटर पानी एकत्रित किया जा सकता है। द्वारका में 11 एकड़ में दो झीलें विकसित की गई हैं। इसमें 250 मिलियन लीटर पानी एकत्रित किया जा सकता है।
मौजूद समय में पप्पनकला के पास मौजूद एसटीपी के शोधित 25 मिलियन गैलन शोधित पानी को ले जाकर इस झील में एकत्रित किया जा रहा है। निलोठी के पास तीन कृत्रिम झील विकसित की गई हैं। ये तीनों झील साढ़े तीन तीन एकड़ जमीन में विकसित की गई हैं। इसमें निलोठी एसटीपी से शोधित पानी को लाकर एकत्रित किया जाएगा। इससे प्रतिदिन 67 मिलियन लीटर भूजल रिचार्ज हो सकेगा। इस तरह रिठाला एसटीपी के शोधित पानी को एकत्रित करने के लिए भी कृत्रिम झील विकसित की जा रही है।
इन झीलों के विकसित होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली में पीने के पानी की मांग की आपूर्ति और बेहतर हो जाएगी।
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