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दिल्ली हाई कोर्ट ने दिव्यांगों के लिए रेलवे के अलग आईडी कार्ड की वैधता बरकरार रखी
jantaserishta.com
12 Jun 2023 12:21 PM GMT
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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय रेलवे द्वारा जारी अलग आईडी कार्ड की वैद्यता को बरकरार रखा है। जबकि, अधिकारिता विभाग की तरफ से दिव्यांगों को जारी प्रमाण पत्र को भी एक दस्तावेज के रूप में पहचान और विभिन्न योजनाओं के लाभ लेने के योग्य पाया है। दिव्यांगों के लिए राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म (एनपीआरडी) ने भारतीय रेलवे के उस सर्कुलर को चुनौती दी थी, जिसमें रेल यात्रा में छूट का लाभ लेने के लिए दिव्यांगों को रेलवे से एक अलग पहचान पत्र लेने की बात कही गई थी। एनपीआरडी ने अपनी याचिका में रेलवे के सर्कुलर को चुनौती दी थी।
संस्था ने ये भी कहा था कि इससे अधिकारिता विभाग द्वारा दिव्यांगों को जारी प्रमाण पत्र की वैधता को चुनौती मिलती है, जिसके प्रमाण पत्र को पहचान और सत्यापन के लिए सिंगल डॉक्यूमेंट बताया गया था। एनपीआरडी ने कहा था कि रेलवे दिव्यांगों के अधिकार अधिनियम, 2016 (आरपीडी एक्ट) का उल्लंघन कर रहा है।
मुख्य न्यायाधीश सुभाष चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने अपने आदेश में कहा कि अधिकारिता विभाग का प्रमाण पत्र दिव्यांगों को प्रमाणित करता है और पूरे देश में मान्य है।
दरअसल, रेलवे ने 19 मार्च 2015 को एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें जिक्र किया गया था कि दिव्यांगों को टिकट खरीदने के दौरान हर समय प्रमाण पत्र देने की जरुरत नहीं है। रेलवे ने नीतिगत फैसला लिया है कि टिकट की खरीदारी करने के लिए एक फोटो पहचान पत्र जारी किया जाए। फोटो पहचान पत्र दिव्यांगों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा (58) के तहत जारी प्रमाण पत्र के आधार पर दिए जाते हैं।
ये भी कहा गया कि इस सर्कुलर में रेलवे का रूख साफ है। 19 मार्च 2015 के सर्कुलर में रेलवे ने साफ किया है कि वो नहीं चाहता है कि दिव्यांगों को टिकट खरीदते समय हर बार अपना प्रमाण पत्र दिखाना पड़े। अदालत ने कहा है कि रेलवे के फैसले में हस्तक्षेप करने का उसके पास कोई स्पष्ट कारण नहीं है।
दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात भी सामने आई है। बता दें कि अधिकारिता विभाग ने एक अप्रैल 2023 से केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए यूडीआईडी कार्ड रखने को आवश्यक बताया था।
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