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दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने आवारा कुत्तों को भोजन खिलाने और उनके इलाज के लिए दिशा-निर्देशों (Guidelines) जारी किए हैं. कोर्ट का कहना है कि स्ट्रीट डॉग्स (Street dogs) को भोजन का अधिकार है और नागरिकों को सावधानी बरतते हुए उन्हें खाना खिलाने का भी अधिकार है. हाई कोर्ट ने आवारा कुत्तों को खिलाने के संबंध में दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक कुत्ता एक प्रादेशिक प्राणी है और इसे अपने क्षेत्र के भीतर उन स्थानों पर खिलाया जाना चाहिए, जहां आम जनता अक्सर नहीं आती है.
दिशा- निर्देश में कहा गया है कि आवारा कुत्तों के प्रति दया रखने वाला कोई भी व्यक्ति उन्हें अपने प्राईवेट एंट्री (Private entry) या उनके घर के ड्राइववे या अन्य निवासियों के साथ साझा नहीं की गई किसी भी अन्य जगह पर खिला सकता है, लेकिन इस बात का खास ख्याल रखा जाना चाहिए कि यह किसी व्यक्ति के नुकसान का उत्पीड़न का कारण ना बने
जज जेआर मिधा (Judge JR Midha) ने हाल ही में 86-पन्नों के फैसले में कहा कि सामुदायिक कुत्तों (आवारा / गली के कुत्तों) को भोजन का अधिकार है और नागरिकों को सामुदायिक कुत्तों को खिलाने का अधिकार भी है, लेकिन इस अधिकार का प्रयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इससे दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन ना हो.
आदेश दो निवासियों के बीच आवारा कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर हुए विवाद
दरअसल अदालत का यह आदेश एक मोहल्ले के दो निवासियों के बीच आवारा कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर हुए विवाद के मामले में आया है. इस याचिका में एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को उनके प्रोपर्टी के एंट्री गेट के पास गली के कुत्तों को खिलाने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की थी. बाद में, दोनों के बीच समझौता हुआ और कुत्तों को खिलाने के लिए एक निश्चित जगह तय की गई.
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