दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश : चिड़ियाघर में जानवरों की देखभाल के लिए नियुक्त करें स्टाफ
दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय प्राणी उद्यान और केंद्र सरकार के अधिकारियों को दिल्ली के चिड़ियाघर में जानवरों की देखभाल के लिए आवश्यक कार्यबल नियुक्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा। अदालत का निर्देश चिड़ियाघर के रखवाले, सहायक रखवाले, परिचारक, खाद्य वितरक और चौकीदार की नियुक्ति की मांग वाली जनहित याचिका (पीआईएल) के निपटारे के दौरान आया।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने उस याचिका का निपटारा किया, जिसमें अधिकारियों से आवश्यक उपाय करने और उसी पर एक स्पष्ट आदेश पारित करने की मांग की गई थी। पीठ ने कहा : "प्रार्थना वास्तविक प्रतीत होती है। प्रतिवादियों को कमियों को दूर करने के लिए हर संभव कदम उठाने और चिड़ियाघर में दो महीने के भीतर कर्मचारियों की नियुक्ति करने का आदेश पारित करने का निर्देश दिया जाता है।"
सालेकचंद जैन नामक व्यक्ति द्वारा अधिवक्ता जे.के. गुप्ता के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि चिड़ियाघर में जानवर क्यों मर रहे हैं, इसकी जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया जाए। चिड़ियाघर में अप्रैल 2019 से मार्च 2021 के बीच करीब 300 जानवरों और पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें बड़ी बिल्लियां भी शामिल हैं। याचिका में उचित चिकित्सा उपकरण और नैदानिक सुविधाएं स्थापित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई है। जैन ने अपनी याचिका में आगे उल्लेख किया कि आठ में से सात मॉनिटर छिपकली गायब हो गई हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा उनकी तलाश के लिए शून्य प्रयास किए गए। अदालत ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के निदेशक, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड को निर्देश पारित किया।