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इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी की खरीदी पर केंद्र सरकार को दिल्ली HC का नोटिस, 31 मई को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा
Deepa Sahu
28 May 2021 1:02 PM GMT
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इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी की खरीदी पर केंद्र सरकार को दिल्ली HC का नोटिस
दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन की विदेश से 2.3 लाख एम्फोटेरिसिन बी की खरीद पर केंद्र सरकार को सोमवार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र बताए वो कहां हैं, उनका स्टेटस कहां हैं, 2.3 लाख इंजेक्शन का ही आदेश क्यों दिया.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ब्लैक फंगस की दवा की एक सीमित आपूर्ति है. यहां तक की निर्माण भी, उनके पास वो साधन नहीं है जो दवा बनाने के लिए आवश्यक बुनियादी घटक की कमी है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ये नीति निर्णय है, जब ये महामारी अपने चरम पर होती है, आपको इस तरह की जीवन रक्षा दवा की कमी का सामना करना पड़ा है. सरकार ने एक नीतिगत निर्णय लिया, क्या आप इसे अस्पताल पर छोड़ सकते हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता से कहा कि अगर आपको दुनिया में कहीं भी दवा मिलती है, तो उसे प्राप्त कर लीजिए. आपको कस्टम का भुगतान भी नहीं करना पड़ेगा. साथ ही कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि आपके मरीज को ये नहीं मिलना चाहिए, बल्कि हम ये कह रहे हैं कि आपके मरीज को ऐसा आदेश देने से कोई लाभ नहीं होगा. वहीं दिल्ली सरकार ने कहा कि अस्पताल को जो भी आवंटन हो रहा है, उसे हम सीधे दे रहे हैं ताकि पूरी तरह से पारदर्शिता हो.
वकील केके सिंह ने कहा कि जिस मरीज की बात मैं कर रहा है, सुबह में उसकी दोनों आंख थी. इस समय उसकी आंख जा चुकी हैं. मैक्स साकेत अस्पताल में मरीज भर्ती है, उसको 5 दिन से एम्फोटेरिसिन बी नहीं दी गई है. वहीं वकील रिजवान ने एक मरीज के बारे में बताते हुए कहा कि अस्पताल से जो जानकारी आ रही है, वो बहुत शॉकिंग है. दवाओं की कमी है. मरीजों से उसको खुद खरीदने को बोला जा रहा है और ये ेदो सरकारों की लड़ाई की वजह से है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने वकील रिजवान से कहा ये दो सरकारों के बीच लड़ाई की वजह से नहीं है, क्या आपको जमीनी हकीकत पता है. हमारे पास यह आदेश देने के लिए कोई रास्ता नहीं है कि आप जो भी शीश चाहें, वो सब किसी की तुलना में आपको उपलब्ध करा दें. उधर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि छह देशों से एम्फोटेरिसिन बी की 2.3 लाख शीशियों की खरीद के प्रयास किए जा रहे हैं. वैकल्पिक दवाओं, नई निर्माण सुविधाओं, बढ़ते उत्पादन आदि की रूपरेखा तैयार की गई है.
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