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Delhi: राजधानी में स्कूलों को खोलने के दिशा-निर्देश जारी, रोजाना होगा छात्रों की स्वास्थ्य जांच
Deepa Sahu
9 Aug 2021 6:11 PM GMT
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्कूल खोले जाने को लेकर उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली डीडीएमए ने रविवार को एक अहम फैसला लिया था।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्कूल खोले जाने को लेकर उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली डीडीएमए ने रविवार को एक अहम फैसला लिया था। जिसको लेकर शिक्षा निदेशालय ने सोमवार को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसके तहत स्कूल प्रमुखों को छात्रों को कोरोना संक्रमण से बचाव व आपतकालीन स्थिति से निपटने के लिए स्कूलों में पृथकावास बनाने होंगे। तो वहीं स्कूल आने वाले छात्रों की प्रतिदिन स्वास्थ्य संबंधी जांच होगी। हालांकि निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि पहले की तरह ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
निदेशालय ने स्पष्ट किया है सिर्फ कक्षा 10 से 12वीं तक के छात्र ही दाखिला संबंधी विषयों, कांउसलिंग, मार्गदर्शन के साथ ही बोर्ड परीक्षा की प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकिर स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए भी छात्रों को अभिभावकों की लिखित मंजूरी होगी। वहीं निदेशालय ने सभी कक्षाओं के छात्रों को अभिभावकों के साथ स्कूलों में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए आने की भी मंजूरी दी है।
शिक्षा निदेशालय की तरफ से जारी दिशा-निर्देश के तहत कोराेना के संभावित लक्षणों वाले छात्र व कर्मियों को स्कूल परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जिसके तहत छात्र व कर्मियों की गेट पर ही स्क्रीनिंग के बाद उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। वहीं स्कूल के अंदर छात्रों के आपस में किताबें बदलने पर रोक रहेगी। निदेशालय ने स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वह सुनिश्चित करें कि प्रवेश गेट पर भीड़़ ना हो, जिसके लिए आवश्यकता पड़ने पर दोनों गेट खोले जाएं। वहीं सुबह और शाम की पाली वाले स्कूल छुटने व लगने में एक घंटे का अंतर रखा जाए। इसके साथ ही स्कूल प्रमुखों को निर्देशित किया गया है वह स्कूल परिसर के अंदर कोरोना नियमों का पालन सुपनिश्चित करें। साथ ही स्कूल प्रमुखों को छात्रों को मानसिक व भावानात्मक सहयोग उपलब्ध कराने को कहा गया है।
डीडीएमए की तरफ से रविवार को स्कूल खोलने को लेकर आदेश जारी किया गया था, लेकिन सोमवार को पहले दिन अधिकांश स्कूलों में छात्र नहीं पहुंचे। राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव अजयवीर यादव के मुताबिक सोमवार को स्कूलों में छात्र नहीं पहुंचे। जिसके पीछे निदेशालय की तरफ से आदेश जारी ना होना मुख्य वजह रहा। आदेश जारी ना होने से स्कूलों व छात्रों के बीच असमंजस रहा। साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूल खोलने का फैसला स्वागतयोग्य है, लेकिन अगर छात्रों में टीकाकरण सुनशिश्चित करने के बाद ही उन्हें स्कूल बुलाया जाता, तो यह बेहतर होता।
छात्रों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए शिक्षा निदेशालय ने कैंपस गेस्ट पॉलिसी में बदलाव किया है। जिसके तहत स्कूलों में गेस्ट के प्रवेशों को कम करने को कहा गया है। हालांकि किसी आपतकालीन स्थिति में अभिभावकों को स्कूल में आने की छूट दी जाएगी, लेकिन उनको भी कोरोना नियमों का पालन करना होगा।
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