निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के बच्चों के दाखिले के लिए काम कर रही दिल्ली सरकार
दिल्ली। दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि वह निजी गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के तहत बच्चों के लिए एक पारदर्शी, समान और परेशानी मुक्त प्रवेश प्रक्रिया विकसित कर रही है। अदालत को बताया गया कि एक पोर्टल विकसित किया गया है, जहां रिक्तियों की संख्या प्रदर्शित की जाती है और माता-पिता प्रवेश कोटा के तहत उपलब्ध रिक्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इसके बाद अदालत ने एक एनजीओ 'जस्टिस फॉर ऑल' द्वारा दायर एक जनहित याचिका का निस्तारण किया, जिसमें आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 12 (1) (सी) के प्रावधानों के तहत कमजोर वर्गो और वंचित समूहों से संबंधित 44,000 से अधिक बच्चों का दाखिला सुनिश्चित करने के निर्देश मांगे गए थे। दिल्ली सरकार को निर्देशित याचिका में प्रवेश प्रक्रिया की निगरानी की भी मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, "हालांकि, प्रतिवादी/जीएनसीटीडी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 और दिल्ली बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा नियम, 2011 के तहत निहित वैधानिक प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाए।" इससे पहले, याचिकाकर्ता ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 50,000 बच्चे अभी भी आरटीई अधिनियम के तहत ईडब्ल्यूएस/डीजी श्रेणी के लिए निर्धारित कोटा के तहत दाखिले का इंतजार कर रहे हैं।