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ऑटो ट्रांसपोर्ट वालों को झूठ बोल रहे है दिल्ली के सीएम- डा. उदित राज
jantaserishta.com
5 Jan 2022 3:03 PM GMT
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नई दिल्ली: केजरीवाल जी पंजाब में ऑटो ट्रांसपोर्ट वालों को झूठ बोल रहे हैं कि दिल्ली में उनके लिए बहुत कुछ किया। इस झूठ का पर्दाफाश डा. उदित राज, राष्ट्रीय चेयरमैन, असंगठित कामगार व कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) और ऑटो टांसपोर्ट यूनियन के नेताओं ने आज कांग्रेस मुख्यालय, 24 अकबर रोड, नई दिल्ली पर प्रेस वार्ता के माध्यम से किया।
चुनाव से पहले @INCIndia का बड़ा ऐलान। कांग्रेस 10 जनवरी को ट्रांसपोर्ट यूनियंस के साथ मिलकर सीएम केजरीवाल के आवास का करेगी घेराव। दिल्ली के ऑटो वाले पंजाब जाकर खोलेंगे केजरीवाल सरकार की पोल। @Dr_Uditraj @HindiKhabar pic.twitter.com/0qPo9iiYn9
— Kuldeep Sharma (@kuldeepsharma98) January 5, 2022
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, डा. उदित राज जी ने कहा कि असंगठित कामगार और कर्मचारी कांग्रेस टांसपोर्ट यूनियन की दिल्ली इकाई ने 28 दिसंबर 2021 को दिल्ली सरकार को मांग पत्र दिया कि 4 जनवरी तक उनकी समस्याओं का निवारण किया जाए, जो नही हुआ। मांगे नहीं मानी तो अब 10 जनवरी 2022 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर विशाल प्रदर्शन का आयोजन होगा।
दिल्ली सरकार द्वारा आटो टैक्सी चालकों की निम्नलिखित मांगें हैं, जिनको लेकर आगामी 10 जनवरी को उपरोक्त प्रदर्शन किया जाएगा .
(1) दिल्ली सरकार द्वारा आटो टैक्सी चालकों के वाहनों पर लगने वाली नाजायज धारा 66/192। को तत्काल प्रभाव से परिवहन विभाग की इन्र्फोसमेंट शाखा व दिल्ली ट्रेफिक पुलिस से वापिस लिया जाये। इस धारा का डर दिखा कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा हैं।
(2) दिल्ली हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 कि अधिसूचना को निरस्त करके दिनांकः-18/09/2020 को छोटे यात्री व्यवसायिक वाहनों से 40 किलोमीटर प्रति घंटे कि जगह अधिकतम गति सीमा को स्पीड गर्वनर के तहत 80 कि.मी. प्रतिघंटे निर्धारित कर दिया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा लाखों रूपये के ओवर स्पीड के चालान वाहन चालको के पास भेजे जा रहे हैं, जो गलत है। उन चालानों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए जाये। केन्द्र सरकार के इस काले कानून को तुरंत प्रभाव से वापिस भी लिया जाये।
(3) कोविड-19 के चलते इकनौमिक रेडियो टैक्सी, आल इंडिया टुरिस्ट परमिट टैक्सियों, आटो, काली-पिली टैक्सी, स्कूल बस, कैब व मिनीबस टैक्सी के रोड टैक्स व परमिट फीस को 31 मार्च 2022 तक अन्य राज्य सरकारों कि तर्ज पर दिल्ली सरकार द्वारा तत्काल प्रभाव से माफ किया जाये।
(4) स्कूल के वाहनों को टेम्पे्ररी बेस पर जीरो परमिट मिलना चाहिए पूर्ण रूप से स्कूल खुलने तक जिससे ड्राइवरों का रोजगार बचा रहें।
(5) आटो टैक्सी कि तर्ज पर स्कूल कैब को भी एम.सी.डी. पार्किग फीस, फिटनेस फीस, डी.आई.एम.एस. फीस माफ की जाये व जी.पी.एस. सिम मुक्त दिया जाये।
(6) कोविड-19 के दौरान 2 साल तक हमारे स्कूल के वाहन खड़े रहे अब हमें ये 2 साल वाहनों को चलाने के लिए अधिक समय मिलना चाहिए। 15 साल पैट्रोल व 10 साल डीजल के वाहन जितना समय अवधि में चलते थे जो 2 साल खड़े होने के कारण नहीं चल पाये। इससे 2 साल अधिक चलने से पौल्युशन बढ़ने का खतरा नहीं होगा।
(7) काली-पिली टैक्सी को ध्यान में रखते हुए हमारी DL1RT सीटी टैक्सी के परमिट को बढ़ा कर 15 वर्ष का किया जाये। क्योंकि हमारी टैक्सी में भी सरकारी मीटर लगा हुआ है।
(8) जिस प्रकार काली-पिली टैक्सी को रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस अड्डों पर गाड़ी को खड़ें का स्थान प्राप्त है उसी तरह DL1RT सीटी टैक्सी को भी गाड़ी खड़ी करने के लिए स्टैंड प्रदान किया जाये।
(9) एपबेस्ट एग्रीगेट कम्पनियों ( ओला व उबर ) को सरकार अपने नियंत्रण में लेकर सरकार द्वारा निर्धारित किया गया किराया हमें दिलवाया जाये।
(10) दिल्ली सरकार पैट्रोल, डीजल व सी.एन.जी. के बढ़ते रेटों को कम किया जाये। जिस प्रकार से पैट्रोल, डीजल व सी.एन.जी. के रेट बढ़ें हैं उसी तरह हमारा किराया नहीं बढ़या गया।
(11) 6 + 1 सीट में सी.एन.जी. लीकेज अनिवार्य नहीं हैं लेकिन केजरीवाल सरकार कि गलत नीति के कारण हर 3 महिने में ग्रामीण सेवा को सी.एन.जी. लीकेज करवाना अनिवार्य हैं जिसे तत्काल खत्म किया जाये।
(12) सन् 2010 के बाद से ग्रामीण सेवा के रूट चेंन्ज नहीं किये गये है। 80 प्रतिशत रूट नई मेट्रों लाईन आने से बहुत ही प्रभावित हो रहे है। जिससे ग्रामीण सेवा को चलाने का खर्च भी नहीं निकल रहा है। इन रूटों को तुरन्त प्रभाव से चेन्ज किया जाये व आटो टैक्सी के तरह सभी फीसे माफ की जाये।
(13) 15 साल समय सीमा पूरी होने से पहले जबरन रिपलेशमेंट हमारे ऊपर इलैक्ट्रोनिक व्हीकल पालिसी को बढ़ावा देने के लिए न थोपा जाये। रिपलेशमेंट के इच्छुक परमिट होल्डर को ही इजाजत दी जाए।
(14) ग्रामीण सेवा का परमिट उसकी बची हुई अवधि 2025 तक के अनुसार 4 साल का एक साथ दिया जाऐ। पहले भी हमसे 5 साल की रिन्यूवल फीस लेकर एक साल का ही रिन्यूवल दिया गया जिससे हमारे ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ता है।
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