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सनातन के खिलाफ मंत्री की टिप्पणी पर दिल्ली बीजेपी ने एम.के. स्टालिन को लिखा पत्र
jantaserishta.com
4 Sep 2023 11:38 AM GMT
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नई दिल्ली: भाजपा की दिल्ली इकाई ने सनातन धर्म के खिलाफ उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर सोमवार को तमिलनाडु के प्रिंसिपल रेजिडेंट कमिश्नर को एक विरोध पत्र सौंपा और जल्द से जल्द माफी मांगने की मांग की। तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, "सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।"
दिल्ली भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपने अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र तमिलनाडु हाउस में प्रिंसिपल रेजिडेंट कमिश्नर को सौंपा। जिसमें लिखा गया है कि यह बहुत दुख की बात है कि हम आपके बेटे और आपकी सरकार में खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म के उन्मूलन के आह्वान वाले बयान की निंदा करने के लिए आपको यह पत्र लिख रहे हैं।
दिल्ली भाजपा प्रमुख, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता, सांसदों और अन्य पदाधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा गया है कि उदयनिधि सिर्फ आपके बेटे नहीं हैं, वह एक भी मंत्री हैं। उन्होंने भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली है, जो किसी मंत्री को किसी भी भारतीय की धार्मिक भावनाओं या विश्वास को ठेस पहुंचाने की अनुमति नहीं देता है। इसमें आगे कहा गया कि यह जानकर हैरानी हुई कि आपके बेटे ने कॉन्क्लेव को विपक्षी सनातन सम्मेलन कहने के बजाय इसे सनातन उन्मूलन कॉन्क्लेव नाम देने के लिए आयोजक को बधाई दी। उदयनिधि स्टालिन यहीं नहीं रुके और उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से करते हुए इसके उन्मूलन (नष्ट करने) का आह्वान किया। उन्होंने मुख्यमंत्री स्टालिन को संबोधित ज्ञापन में लिखा है, ''इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप इस मामले में हस्तक्षेप करें और अपने बेटे को तुरंत अपना बयान वापस लेने और 100 करोड़ सनातन धर्मी भारतीयों से माफी मांगने के लिए कहें। अपने बयान को वापस लेने में उनके द्वारा की गई किसी भी देरी का मतलब होगा कि आपका मौन समर्थन उनके पीछे है।''
पत्रकारों से बात करते हुए सचदेवा ने तमिलनाडु के मंत्री की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन की हिंदू विरोधी सोच सबके सामने आ गई है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद से भी इस पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।'' इससे पहले दिन में भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी नेताओं राहुल गांधी, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से पूछा कि वे उदयनिधि की टिप्पणियों पर चुप क्यों हैं और उन पर "वोट बैंक" की राजनीति करने का भी आरोप लगाया था।
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