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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: जानिए, घोंडा विधानसभा सीट का राजनीतिक गणित
jantaserishta.com
20 Jan 2025 11:12 AM GMT
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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिहाज से घोंडा सीट कई मायनों में अहम हो जाती है, क्योंकि यह उन आठ सीटों की फेहरिस्त में शुमार है, जिसमें गत विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था। ऐसे में इस बार इस सीट पर मुकाबला कैसा रहता है? इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
इस सीट पर मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच है। भाजपा जहां इस सीट पर अपनी जीत दोहराने के प्रयास में जुटी है। वहीं, दूसरी तरफ ‘आप’ ने इस बार यहां जीत का परचम लहराने के मकसद से एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। ऐसे में इस बार यहां की जनता किस पर अपना भरोसा जताती है, ये तो फिलहाल आठ फरवरी यानी की नतीजे के दिन ही साफ हो पाएगा।
वहीं, इस सीट की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को समझने का प्रयास करें, तो यहां अनेकों ऐसे मुद्दे हैं, जो आगामी दिनों में राजनीतिक दिशा व दशा निर्धारित कर सकते हैं। यहां की जनता रोड पर जाम, संकरी गलियां, टूटी-फूटी सड़कों, अतिक्रमण की समस्या, बाजारों में भीड़, परिवहन व्यवस्था, जलापूर्ति की समस्या, जलभराव की समस्या सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर परेशान है।
हालांकि, यहां जनता से संवाद स्थापित करने वाले सभी राजनीतिक दलों के नेता सत्ता में आने पर सभी समस्याओं से निजात दिलाने का वादा कर रहे हैं। उधर, अगर यहां की राजनीतिक स्थिति को समझने का प्रयास करें, तो इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जहां इस सीट पर गौरव शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, भाजपा ने अजय महावर और कांग्रेस ने भीष्म शर्मा पर भरोसा जताया है।
2020 के विधानसभा चुनाव के परिणामों की बात करें, तो भाजपा प्रत्याशी अजय महावर ने 'आप' के श्रीदत्त शर्मा को हार का मुंह दिखाया था। वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी भीष्म शर्मा तीसरे स्थान पर खिसक गए थे। उधर, अगर इस सीट की राजनीतिक स्थिति की बात करें, तो यहां सभी राजनीतिक दलों को जीत मिल चुकी है। यहां 1993 में भाजपा के लाल बहादुर तिवारी ने जीत का परचम लहराया था। 1998 में कांग्रेस के भीष्म शर्मा ने भाजपा से यह सीट झटकर इसे अपने नाम कर लिया था। भीष्म ने 2003 में भी यहां जीत दर्ज की।
2008 में भाजपा उम्मीदवार साहिब सिंह चौहान कड़े मुकाबले के बाद विधायक चुने गए थे। वह महज 580 मतों के अंतर से चुनाव जीत सके थे। 2013 में साहिब सिंह चौहान अपनी सीट बचान में सफल रहे।
2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के श्रीदत्त शर्मा यहां से जीत का परचम लहराकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने भाजपा के साहिब सिंह चौहान को पराजित किया। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से खड़े हुए साहिब सिंह चौहान ने ‘आप’ के श्रीदत्त शर्मा को हार का मुंह दिखाया। बता दें कि दिल्ली में चुनावी बिगुल बज चुका है। दिल्ली में पांच फरवरी को मतदान होंगे और नतीजों की घोषणा आठ फरवरी को होगी।
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