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रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए शुरू की नई वेबसाइट

Rani Sahu
4 Oct 2021 7:12 PM GMT
रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए शुरू की नई वेबसाइट
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रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) 2022 के गणतंत्र दिवस समारोह से जुड़े कार्यक्रमों को इतिहास के पन्नों में दर्ज करने के लिए सोमवार को एक नयी वेबसाइट शुरू की

रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) 2022 के गणतंत्र दिवस समारोह से जुड़े कार्यक्रमों को इतिहास के पन्नों में दर्ज करने के लिए सोमवार को एक नयी वेबसाइट शुरू की. इस वेबसाइट को रक्षा सचिव अजय कुमार ने लॉन्च किया.मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''2022 के गणतंत्र दिवस समारोहों को प्रदर्शित करने के लिए, जो स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ-आजादी का अमृत महोत्सव के तौर पर मनाया जाएगा, रक्षा मंत्रालय ने एक नयी वेबसाइट तैयार की है.''

कुमार ने इस अवसर पर कहा कि गणतंत्र दिवस समारोहों से जुड़ी कई गतिविधियां देश भर में हुआ करती हैं और वेबसाइट इन कार्यक्रमों के लिए बहुत उपयोगी होगी. बयान में कहा गया है कि वेबसाइट में विशेष ई पुस्तिका, भारतीय स्वतंत्रता आदोलन पर ब्लॉग जैसी विशेषताएं होंगी.
पिछले महीने हुआ था नए रक्षा मंत्रालय के कार्यालय परिसरों का उद्घाटन
वहीं दूसरी ओऱ पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में रक्षा कार्यालय परिसरों (Defence Office Complex) का उद्घाटन किया. इस दौरान वहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेनाध्यक्ष जनरल एम. एम नरवणे भी मौजूद थे. इसके साथ ही पीएम थल सेना, नौसेना, वायु सेना और सिविल ऑफिसर्स से बातचीत भी की. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ादी के 75वें वर्ष में आज हम देश की राजधानी को नए भारत की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुसार विकसित करने की तरफ एक और कदम बढ़ा रहे हैं. ये नया डिफेंस ऑफिस कॉम्लेक्स हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है
रक्षा कार्यालय परिसरों के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "ये नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है:" दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन करने के बाद पीएम ने कहा, "लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ये भी एक हिस्सा है, जहां 7,000 से अधिक सेना के अफसर जहां काम करते हैं."


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