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फाइल फोटो
LAC की मौजूदा स्थिति की जानकारी
चीन के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सेना के पीछे हटाने के दावा करने के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति और भारत-चीन संबंध को लेकर राज्यसभा में बयान देंगे। रक्षा मंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। बता दें कि बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत-चीन बॉर्डर की स्थिति को लेकर सदन में सवाल पूछे थे।
चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से बुधवार को बयान जारी कर कहा गया कि पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत ने अग्रिम मोर्चे से जवानों की वापसी शुरू कर दी है। चीन के बयान पर सेना की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। माना जा रहा है कि संसद सत्र चल चालू होने के कारण रक्षा मंत्री इस मुद्दे पर संसद में विस्तृत बयान जारी कर देश को स्थिति से अवगत कराएंगे।
रक्षा मंत्री कार्यालय ने बुधवार को ट्वीट किया, '' रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल (गुरुवार को) राज्यसभा में पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति की जानकारी देंगे।''
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh will make a statement in Rajya Sabha tomorrow regarding 'Present Situation in Eastern Ladakh'.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) February 10, 2021
चीन के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ चल रहे गतिरोध में हालात नरम हुए हैं। दोनों देशों की सेनाओं ने बुधवार से व्यवस्थित और योजनाबद्ध तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है। पीछे हटने की कवायद पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर शुरू की गई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने भी बाद में इस बात की पुष्टि की। इससे नौ महीने से चल रहा सीमा गतिरोध पूरी तरह खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं।
हालांकि भारत की ओर से देर रात तक इस दावे की न तो अधिकारिक पुष्टि की गई और न ही खंडन किया गया। लेकिन इस मसले से जुड़े लोगों ने कहा कि दोनों पक्ष टैंक और अन्य आर्मर वाहन समेत भारी हथियारों को पीछे हटाने की प्रक्रिया में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि टकराव वाले क्षेत्रों से टैंक आदि आर्मर हथियार हटाने जैसे कदम 24 जनवरी को 16 घंटे तक चली उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के 9वें दौर में तय किए गए थे।
भारतीय सेना के अधिकारिक सूत्रों ने भी चीनी रक्षा मंत्रालय के बयान को गलत नहीं ठहराया है। उन्होंने कहा कि अग्रिम मोर्चे पर कुछ हलचल हुई है। जल्द ही पूरी स्थिति साफ हो जाएगी। लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि भारत केवल वही कदम उठाएगा, जो जमीन पर हकीकत में चीन की तरफ से उठाए जा रहे होंगे।
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