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देश की सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखे रक्षा मंत्री, कहा- 'भारत के लिए बढ़ गईं चुनौतियां'

Kunti Dhruw
19 Aug 2021 12:00 PM GMT
देश की सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखे रक्षा मंत्री, कहा- भारत के लिए बढ़ गईं चुनौतियां
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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देश में मजबूत, सक्षम और आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग की आवश्यकता पर जोर देते हुए गुरुवार को एक बयान दिया है.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देश में मजबूत, सक्षम और आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग की आवश्यकता पर जोर देते हुए गुरुवार को एक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दुनिया में बदलते भूराजनीतिक हालात (Geopolitical situation) की वजह से भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां बढ़ गई हैं और जटिल हो गई हैं. रक्षामंत्री ने ये बातें ऐसे समय पर कही हैं जब अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत सहित कई देशों में चिंताएं जाहिर की जा रही हैं.

तालिबान या अफगान संकट का जिक्र किए बिना रक्षा मंत्री ने कहा, "आज पूरी दुनिया में सुरक्षा के हालात तेजी से बदल रहे हैं. इस वजह से, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां बढ़ रही हैं और जटिल हो रही हैं. वैश्विक भूराजनीतिक हालात में लगातार बदलाव आते रहते हैं."सिंह ने कोई स्पष्ट संदर्भ दिए बिना कहा, "आज पूरी दुनिया में सुरक्षा परिदृश्य बहुत तेजी से बदल रहा है. इस वजह से, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं और जटिल होती जा रही हैं. वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति में निरंतर परिवर्तन हो रहे हैं.
'मेरे मन में अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे देश आते'
वह 'डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज 5.0' के उद्घाटन के बाद बोल रहे थे. रक्षामंत्री ने कहा कि सुरक्षा चुनौतियों में तेजी से बदलाव को ध्यान में रखते हुए भारत को मजूबत, सक्षम और आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग पर फोकस करना होगा ताकि सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके. उन्होंने आगे कहा, "यह आवश्यक है कि हम ना केवल मजबूत, आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित बल तैयार करें, बल्कि अपना रक्षा उद्योग भी विकसित करना होगा, जो मजबूत, सक्षम और सबसे बढ़कर पूरी तरह आत्मनिर्भर हो."
रक्षामंत्री ने इस सेक्टर में निजी क्षेत्र को भी निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा, "जब-जब टेक्नॉलजी की बात होती है, मेरे मन में अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे उन्नत देश आते हैं. मुझे बतलाया गया है कि ये उन्नत देश अपनी टेक्नॉलजी के दम पर आगे बढे हैं. मैं सरकार की ओर से सभी संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए, निजी क्षेत्र का आह्वान करता हूं कि आप लोग आगे आएं, और एक सशक्त और आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र के निमार्ण में अपना योगदान दें.
उन्होंने निजी क्षेत्र से रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने में योगदान देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, "हमारे देश में न तो प्रतिभाओं की कमी है और न ही प्रतिभाओं की मांग में कमी है. लेकिन एक साझा मंच के अभाव में दोनों का मेल नहीं हो सका है. 'आईडीईएक्स' मंच इस अंतर को पाटने में काफी हद तक कामयाब रहा है."
पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने भारत को रक्षा विनिर्माण का केंद्र बनाने के लिए कई सुधारात्मक उपायों और पहलों का अनावरण किया है. पिछले अगस्त में, सिंह ने घोषणा की थी कि भारत 2024 तक 101 हथियारों और सैन्य सामानों जैसे परिवहन विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, पारंपरिक पनडुब्बी, क्रूज मिसाइल और सोनार सिस्टम के आयात को रोक देगा.
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