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रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने PM मोदी से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
Deepa Sahu
19 March 2021 4:48 PM GMT
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अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन ने आज अपने भारत दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। पीएम मोदी ने भारत-अमेरिका के करीबी संबंधों का स्वागत किया। इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की सोच का भी जिक्र किया जो कि द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देती है। उन्होंने ऑस्टिन के जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को अपनी शुभकामनाएं भी दी। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी बात की है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने भी दो देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने के प्रति अमेरिकी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए अमेरिका की मजबूत इच्छा व्यक्त की भी बात कही।
जो बाइडेन द्वारा अमेरिका की सत्ता संभालने के बाद पहली बार कोई शीर्ष मंत्री भारत आया है। ऑस्टिन के आने का उद्देश्य हिंद-प्रशांत सहित क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रमकता के मद्देनजर द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करना है। ऑस्टिन की प्रथम विदेश यात्रा के दौरान तीन देशों के दौरे में भारत तीसरा पड़ाव स्थल है। उनकी इस यात्रा को (अमेरिकी राष्ट्रपति) जो बाइडन प्रशासन के अपने करीबी सहयोगियों और क्षेत्र में साझेदारों के साथ मजबूत प्रतिबद्धता के तौर पर देखा जा रहा है।
Delhi: US Secretary of Defense Lloyd James Austin III meets NSA Ajit Doval.
— ANI (@ANI) March 19, 2021
Secretary Lloyd James Austin III is on a three-day visit to India. pic.twitter.com/2OFE4DMlHr
ऑस्टिन की पालम हवाईअड्डे पर भारत के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और अमेरिकी दूतावास के राजनयिकों ने अगवानी की। उनकी यात्रा की तैयारियों और एजेंडा की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत में भारत-अमेरिका संबंध को और प्रगाढ़ करने के तरीकों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, पूर्वी लद्दाख में चीन के आक्रामक व्यवहार, आतंकवाद से पैदा हुई चुनौतियों और अफगान शांति वार्ता पर जोर रहने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि तीन अरब डॉलर से अधिक (अनुमानित) की लागत से अमेरिका से करीब 30 'मल्टी-मिशन सशस्त्र प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की भारत की योजना पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। ये ड्रोन सेना के तीनों अंगों (थल सेना, वायु सेना और नौ सेना) के लिए खरीदने की योजना है।
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