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यूपी में दलबदल से चुनावी मुकाबला हुआ त्रिकोणीय, बसपा ने सपा के बागी नेताओं को उतारा मैदान में

Nilmani Pal
28 Jan 2022 1:20 PM GMT
यूपी में दलबदल से चुनावी मुकाबला हुआ त्रिकोणीय, बसपा ने सपा के बागी नेताओं को उतारा मैदान में
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यूपी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जातीय आधार वाले छोटे दलों से गठबंधन करने के साथ-साथ दूसरे दलों के दिग्गज नेताओं को अपने साथ मिलाया है. अखिलेश अपने पुराने और वफादार नेताओं के बजाय दलबदल कर सपा में आने वाले नेताओं टिकट दे रहे हैं. ऐसे में सपा ने जिन नेताओं से किनारा किया है, उनके लिए मायावती सहारा बन गई हैं. बसपा ने सपा के नेताओं को टिकट देकर कई सीटों पर मुकाबले को रोचक बना दिया है. सपा के गढ़ कहे जाने वाले इटावा सीट पर पूर्व प्रत्याशी और प्रो. रामगोपाल यादव के करीबी माने जाने वाले कुलदीप गुप्ता साइकिल से उतरकर हाथी पर सवार हो गए हैं. इटावा सदर सीट पर सपा ने सांसद रहे राम सिंह शाक्य के बेटे सर्वेश शाक्‍य को टिकट दिया है, जिसके चलते कुलदीप गुप्ता ने पार्टी छोड़ दी है. बसपा ने उन्हें इटावा सीट से प्रत्याशी बना दिया है. ऐसे में यहां का मुकाबला काफी रोचक हो गया है, क्योंकि कुलदीप गुप्ता ने इटावा के नगरपालिका चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी.

मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से सपा के विधायक रहे हाजी रिजवान का अखिलेश यादव ने टिकट काट दिया है और उनकी जगह जियाउर्रहमान को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में हाजी रिजवान ने सपा छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया. बसपा प्रमुख मायावती ने उन्हें कुंदरकी सीट से पार्टी का प्रत्याशी बनाया है. ऐसे ही मुरादाबाद देहात सीट से सपा ने अपने विधायक हाजी इकराम कुरैशी का टिकट काटकर बसपा से आए नासिर कुरैशी को टिकट दे दिया है. ऐसे में हाजी इकराम सपा छोड़कर कांग्रेस से चुनावी मैदान में उतर गए हैं. बिजनौर जिले की धामपुर विधानसभा सीट से तीन बार के विधायक और सपा सरकार में मंत्री रहे मूलचंद चौहान का टिकट अखिलेश यादव ने काटकर नूरपुर से विधायक नईमुल हसन को प्रत्याशी बना दिया है. इसी कारण से मूलचंद चौहान ने सपा छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया और उन्हें धामपुर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. धामपुर सीट पर अब मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है. बिजनौर सदर सीट पर सपा से विधायक रहीं रुचिवीरा बसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रही हैं.

बरेली जिले की फरीदपुर विधानसभा सीट पर सपा प्रमुख ने पूर्व विधायक विजयपाल सिंह को टिकट दिया है. ऐसे में शालिनी सिंह ने सपा छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया और मायावती ने उन्हें फरीदपुर सीट से पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया है. फरीदपुर विधानसभा से सपा के पूर्व विधायक रहे स्वर्गीय डॉक्टर सियाराम सागर के बेटे विशाल सागर ने भी टिकट न मिलने पर बगावत कर दी है. एटा सदर विधानसभा सीट पर अखिलेश यादव ने सपा से जुगेंद्र सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में दिग्गज नेता और पूर्व विधायक अजय यादव ने सपा छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें एटा सदर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. इस तरह से एटा विधानसभा सीट पर मुकाबला काफी रोचक हो गया है और त्रिकोणीय होता दिख रहा है.

वहीं, शाहजहांपुर जिले की जलालाबाद सीट से तीन बार के विधायक शरद वीर सिंह का टिकट अखिलेश ने काट दिया, जिसके बाद उन्होंने सपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. अंबेडकरनगर की जलालपुर सीट से सपा के मौजूदा विधायक का अखिलेश यादव ने टिकट काट दिया है, जिसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं. ऐसे में प्रदेश की कई और भी सीटों पर दलबदल कर सपा में आने वाले नेताओं ने सियासी समीकरण को बिगाड़ दिया है.


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