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लीगल नोटिस: मुख्यमंत्री को मानहानि का नोटिस, बागी विधायक भड़के, जानें पूरा मामला

jantaserishta.com
6 April 2024 3:27 AM GMT
लीगल नोटिस: मुख्यमंत्री को मानहानि का नोटिस, बागी विधायक भड़के, जानें पूरा मामला
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सांकेतिक तस्वीर

पांच करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है।
शिमला: कांग्रेस के छह बागियों में शामिल रहे सुधीर शर्मा ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को मानहानि का नोटिस भेजा है। बागी विधायक ने सीएम सुक्खू से पांच करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। शर्मा ने यह नोटिस सुक्खू के इस दावे के एक दिन बाद भेजा है जिसमें सुक्खू ने कहा था कि कांग्रेस के छह बागी विधायक और तीन निर्दलीय विधायक 15-15 करोड़ रुपये में बिके थे।
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक रैली के दौरान सुक्खू ने गुरुवार को कहा था कि कांग्रेस के बागी भ्रष्ट हैं और सलाखों के पीछे जाएंगे। उन्होंने कहा था कि हमारे पास पैसा नहीं है, लेकिन हमारे पास ईमानदारी, नैतिकता और लोगों का समर्थन है। सुक्खू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय विधायक 15-15 करोड़ रुपये में बिक गए। सुक्खू ने दावा किया था कि उनके पास सबूत हैं, क्योंकि पुलिस जांच में तथ्य सामने आने लगे हैं और उन्हें सबक सिखाने का समय आ गया है।
मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी 27 फरवरी के राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान करने वाले कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ की थी। ये विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस के छह बागी विधायकों को उनके संबंधित विधानसभा क्षेत्रों से टिकट दिए हैं।
बजट प्रस्ताव पर मतदान के दौरान विधानसभा में उपस्थित रहने और सरकार के पक्ष में मतदान करने संबंधी व्हिप का उल्लंघन करने को लेकर कांग्रेस ने इन छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पुलिस ने निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा (हमीरपुर) और कांग्रेस के बागी चैतन्य शर्मा (गगरेट) के पिता राकेश शर्मा तथा अन्य के खिलाफ चुनावी अपराध, रिश्वतखोरी और आपराधिक साजिश के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।
पूर्व मंत्री और धर्मशाला विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार सुधीर शर्मा की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया कि मुख्यमंत्री के बयान और भाषण झूठे, अपमानजनक और मानहानिकारक हैं, जिनमें कोई तथ्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये बयान वीडियो और समाचार-पत्रों के माध्यम से व्यापक रूप से प्रसारित हुए हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है, खासकर ऐसे समय में जब वह उपचुनाव लड़ रहे हैं। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री के भाषणों में न तो रत्ती भर सच्चाई है और न ही उनके पास जनता के बीच दिए गए कथित झूठे बयानों का कोई सबूत है।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि उचित अवधि के भीतर आपके द्वारा तत्काल और उपचारात्मक कार्रवाई नहीं की जाती है, तो झूठ और दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए सक्षम न्यायालय में दीवानी और आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाएगी। इस बीच, सुजानपुर और बड़सर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे दो अन्य कांग्रेस बागियों- राजेंद्र राणा और इंद्रदत्त लखनपाल ने शुक्रवार को कहा कि सभी नौ विधायक मुख्यमंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे और आपराधिक मामले का नोटिस भी भेजा जाएगा। उन्होंने एक बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी से निष्कासित सभी छह विधायकों ने झूठे आरोप लगाने की वजह से मुख्यमंत्री के खिलाफ अदालत में मानहानि का मामला दायर करने का फैसला किया है। सुक्खू को अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उनसे और जनता से माफी मांगनी चाहिए।
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