लाल किला हिंसा के मुख्य आरोपी दीप सिद्धू को मंगलवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया, जहां पुलिस की ओर से 10 दिन की रिमांड मांगी गई. हालांकि कोर्ट ने दीप सिद्धू को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. पेशी को लेकर तीस हजारी कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहे. पेशी के दौरान कोर्ट ने पुलिस को कुछ समय के लिए कड़ी पूछताछ करने की अनुमति भी दी ताकि पुलिस ये बता सके कि उसे पुलिस हिरासत की जरूरत है. इस दौरान दीप सिद्दू से पूछा गया कि लाल किले तक पहुंचने के लिए लोगों को कैसे बुलाया गया था, योजना कैसे बनाई गई? उसके मोबाइल नंबर के बारे में भी पूछताछ हुई.
बता दें कि करीब 15 दिन की फरारी काटने के बाद दीप सिद्धू को मंगलवार तड़के पंजाब के जिकरपुर से गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, दीप की पत्नी और परिवार पूर्णिया में है. दीप सिद्धू भी वहीं जाने में की फिराक में था. क्राइम ब्रांच की पूछताछ में दीप सिद्धू ने कई बड़े खुलासे किए हैं. पूछताछ के दौरान दीप सिद्धू ने दावा किया कि वह भावुक होकर किसानों के साथ जुड़ गया था. हालांकि, पूछताछ में दीप सिद्धू ने साफ किया कि उसका जुड़ाव किसी कट्टरपंथी संगठन से नहीं है, लेकिन वो तोड़फोड़ वाली विचारधारा में विश्वास करता है. दीप सिद्धू ने कहा कि उसे शक था कि सरकार के साथ बातचीत में और दिल्ली पुलिस के साथ ट्रैक्टर रैली के दौरान किसान नेता नरम हो रहे थे, लॉकडाउन के दौरान और बाद में दीप सिद्धू को कोई काम नहीं मिला था और अगस्त में जब किसान आंदोलन पंजाब में शुरू हुआ, तो वह इसके प्रति आकर्षित हो गया था.
पूछताछ के दौरान दीप सिद्धू ने बताया कि जब वह विरोध स्थलों पर जाता था तो युवा बड़ी संख्या में आते थे. वह 28 नवंबर को किसानों के साथ दिल्ली पहुंचा. गणतंत्र दिवस परेड से कुछ दिन पहले सिद्धू ने अपने समर्थकों के साथ निर्धारित मार्ग को तोड़ने का फैसला किया. दीप सिद्धू ने तब अपने समर्थकों से कहा था कि वे वॉलंटियर के जैकेट चुराएं. दीप सिद्धू ने पहले ही साजिश रची थी कि वह लाल किला और यदि संभव हो तो इंडिया गेट तक पहुंचने की कोशिश करेगा. जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ कि फरार आरोपी जुगराज सिंह को विशेष रूप से धार्मिक झंडा फहराने के लिए लाया गया था.