बिहार। एक परिवार के दो सगे भाई। दोनों की मौत एक ही रात को ढाई घंटे के अंतराल पर कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई। मंगलवार रात साढ़े 11 बजे कोरोना पीड़ित छोटे भाई ने दम तोड़ दिया। इसके लगभग ढाई घंटे बाद 2.12 बजे संक्रमित बड़े भाई के भी नहीं रहने की बात परिवार को बताई गई।जिसने सुना यही कहा कि यह क्या कहर बरपा दिया ईश्वर ने इस परिवार पर। बुधवार को परिवार के लोगों की चीत्कार मुक्तिधाम में खड़े सभी लोगों का दिल दहला रही थी।
कोरोना की काली रात के साये ने ढाई घंटे में एक ही परिवार के दो सगे भाइयों को छीन लिया। दो सगे भाई अरुण कुमार चौधरी व अजय कुमार चौधरी की मौत से परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। सुबह जब मुक्तिधाम में एक ही चिता पर दोनों भाइयों का अंतिम संस्कार हुआ तो हर ओर कोहराम सा मच गया। छाता बाजार निवासी अरुण और अजय की मौत ने सबको स्तब्ध कर दिया है। दो अलग-अलग निजी हॉस्पिटल में दोनों भाई भर्ती थे। परिवार वालों ने रोते हुए कहा कि चार दिन से इंजेक्शन के लिए भटकते रहे हैं। अव्यवस्था ने परिवार की खुशियां लील लीं।
पिता और चाचा को मुखाग्नि देने वाले अमित कुमार ने कहा कि चार दिन से पूरा परिवार दो अलग-अलग अस्पताल में दिन-रात चक्कर लगा रहा था। इलाज के नाम पर यह हो रहा था कि हमें इंजेक्शन व दवा का पुर्जा थमा दिया गया। लाख पैरवी, कोशिश के बाद हमें इंजेक्शन नहीं मिला। एक सप्ताह पहले तक सब ठीक था। पहले चाचा को बुखार लगा और उसके दो दिन बाद पापा को। चाचा पहले मेडिकल में भर्ती हुए, वहां सुविधा की कमी होने पर उससे आगे एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन वहां भी सुविधा की स्थिति वही रही। पापा ब्रह्मपुरा स्थित एक अस्पताल में थे, लेकिन वहां भी वही हाल था। 17 को पापा को भर्ती कराया गया था। पापा अरुण कुमार की उम्र 66 तो चाचा अजय कुमार की उम्र 59 थी।
बेटियों के नहीं रहने पर पति को मुखागनि देने मुक्तिधाम पहुंची स्व. अजय कुमार की पत्नी सुलेखा चौधरी की चीत्कार से सबका दिल दहल उठा। हालांकि, समाज के लोगों ने उन्हें समझाकर भतीजे अमित से ही मुखाग्नि दिलवाई। इसके बाद सबने एक ही चिता पर दोनों भाइयों का अंतिम संस्कार भी करवाया। व्यवसाई समाज के विवक कुमार, राज कुमार चौधरी, श्रीकांत चौधरी, सुजीत चौधरी, दिलीप चौधरी, राजू चौधरी समेत महिला कलवार मंच ने कहा कि यह घटना काफी दुखदाई है।