शरद यादव के निधन से भारतीय राजनीति को अपूर्णीय क्षति हुई : प्रियंका गांधी
सोर्स न्यूज़ - आज तक
दिल्ली/बिहार। जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव (75 साल) का निधन हो गया है. उनके निधन की खबर सबसे पहले बेटी सुभाषिनी यादव की तरफ से ट्वीट करके दी गई. सुभाषिनी ने लिखा- 'पापा नहीं रहे.' इसके साथ ही दुखी होने का इमोजी बनाया. शरद यादव गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे. गुरुवार देर रात शरद यादव का पार्थिव शरीर एंबुलेंस से दिल्ली में छतरपुर स्थित आवास पर लाया गया.
प्रियंका गांधी का ट्वीट - वरिष्ठ समाजवादी नेता श्री शरद यादव जी के निधन का दुखद समाचार मिला। श्री शरद यादव जी हमेशा सिद्धांतों की राजनीति के साथ खड़े रहे व उन्होंने सदैव हमारा मार्गदर्शन किया। उनके निधन से भारतीय राजनीति को एक अपूर्णीय क्षति हुई है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्री चरणों में स्थान दें। सुभाषिनी यादव जी व उनके अन्य परिजनों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं।
शरद यादव 7 बार लोकसभा के सांसद रहे हैं. वे केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. इसके साथ ही जयप्रकाश नारायण से लेकर चौधरी चरण सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काम करने का लंबा अनुभव समेटे थे. वे समाजवादी विचारों के मुखर समर्थक थे और डॉ. राम मनोहर लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे. शरद यादव के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य बड़े नेताओं ने शोक जताया और श्रद्धांजलि दी है.
शरद यादव की दो संतान हैं. बेटी सुभाषिनी और बेटा शांतनु है. सुभाषिनी राजनीति में सक्रिय हैं और कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हैं. हाल ही में वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी खासी सक्रिय देखी गईं. सबसे पहले उन्होंने मध्य प्रदेश, राजस्थान में यात्रा जॉइन की. उसके बाद हरियाणा और पंजाब में भी यात्रा में शामिल हुईं. सुभाषिनी ने पिता शरद यादव से राजनीति सीखी है और उनके विचारों को आगे बढ़ाने की बात करती हैं.
पिछले साल 31 मई 2022 को जब शरद यादव ने दिल्ली में 7, तुगलक रोड वाला सरकारी आवास खाली किया, तब सुभाषिनी ने ही ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी. शरद यादव इस बंगले में करीब 22 साल तक रहे. इससे पहले उन्होंने लुटियंस जोन में भी काफी वक्त बिताया. शरद यादव अपना सरकारी आवास छोड़ते वक्त कहा था- इस घर से कई लड़ाइयां लड़ी गई हैं. यहां पर कई सारी यादें जुड़ी हैं. शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव ने ट्वीट में कहा था- तुगलक रोड पर 23 साल की सफल यात्रा को समाप्त करते हुए 48 साल के शुद्ध, समर्पित और निस्वार्थ योगदान समाज के उत्थान के लिए रहा. अब नई शुरुआत की प्रतीक्षा में.
बता दें कि सुभाषिनी यादव 2020 विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस में शामिल हो गई थीं. उन्होंने बिहारीगंज सीट से चुनाव भी लड़ा था. हालांकि, हार गई थीं. चुनावी कैंपेनिंग में राहुल गांधी के वोट मांगने के बाद सुभाषिनी यादव ने एक इमोशनल पोस्ट लिखा था. जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे राहुल गांधी ने बीमार पिता के नहीं पहुंच पाने की स्थिति में उनको बहन बताया और हौसला-अफजाई की. सुभाषिनी यादव की शादी हरियाणा में एक राजनीतिक परिवार में हुई है. वे प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की काफी करीबी मानी जाती हैं.